Etawah: बालक के अपहरण व हत्या के चार दोषियों को मिला आजीवन कारावास
इटावा, अमृत विचार। विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम अखिलेश कुमार ने नौ साल पुराने एक बालक की अपहरण के बाद हत्या करने के एक मामले की सुनवाई करते हुए चार आरोपियों को दोषी पाया। दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने उन पर पच्चीस पच्चीस हजार रुपया का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना अदा न करने पर उन्हें छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार ऊसराहार थाना क्षेत्र के गांव नगला लालमन निवासी उम्मेद सिंह ने थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उसका चौदह वर्षीय पुत्र हरीओम पढ़ने के लिए 17 नवंबर 2015 को अपने फूफा के घर मैनपुरी जाने के लिए निकला था। लेकिन वह मैनपुरी नही पहुंचा। खोजबीन के बाद भी उसका पता नही चल सका।
21 नवंबर 2015 को उसके बहनोई के फोन पर फिरौती की कॉल आई और पांच लाख रुपये की मांग की। ऊसराहार थाना पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। पुलिस बदमाशों की तलाश में थी तभी मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने किशनी रोड पर गांव गोकुल पुरा के पास एक ट्यूबवेल पर छापा मारा तो वहां मौजूद बदमाशों ने फायरिंग कर दी।
बाद में पुलिस ने चार बदमाशों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। पकडे़ गए बदमाशों ने अपने नाम अमित राजावत पुत्र रघुराज सिंह राजावत निवासी अयान औरैया, सतेंद्र तोमर पुत्र मुन्ना सिंह निवासी खेरली थाना नगरा मुरैना, मचल सिंह पुत्र चंद्र पाल सिंह ऊमरी भिड, व धीरेंद्र सिंह उर्फ धीरू पुत्र राजेश सिंह निवासी नगला नाद बेबर बताया।
पूछताछ में पकडे़ बदमाशों ने स्वीकार किया कि उसने किशनी चौराहे से हरीओम पाल का अपहरण किया था। उसने धीरू को पहचान लिया था। पकडे़ जाने के डर से उसकी गला दबाकर हत्या कर दी और शव को मेंहगांव दतिया रोड पर फेंक दिया था। फिरौती में एक लाख 80 हजार रुपया मिले थे। उसकी रकम के बंटवारे के लिए आए थे। पुलिस ने सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। छानबीन के बाद पुलिस ने सभी के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट में पेश कर दिए।
मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र अधिनियम की कोर्ट में हुई। विशेष लोक अभियोजक गौरव दीक्षित के द्वारा पेश किए साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर कोर्ट ने अमित राजावत, मचल सिंह सतेंद्र सिंह तोमर व धीरेंद्र सिंह उर्फ धीरू को दोषी पाया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके अलावा कोर्ट ने उन पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
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