Kanpur: ब्लैक स्पॉट चिह्नित पर सुरक्षा और संरक्षा पर कुछ नहीं, सड़क हादसों में हर दिन हो रहीं दो मौतें, खून से लाल हो रहीं सड़कें

पुलिस, ट्रैफिक, पीडब्ल्यूडी, एनएचएआई की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे लोग

Kanpur: ब्लैक स्पॉट चिह्नित पर सुरक्षा और संरक्षा पर कुछ नहीं, सड़क हादसों में हर दिन हो रहीं दो मौतें, खून से लाल हो रहीं सड़कें

कानपुर, अमृत विचार। सड़क हादसों से शहर में हाईवे, राजमार्ग और प्रमुख मार्ग आए दिन खून से लाल हो रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक हर दिन औसतन तीन हादसों में दो लोग जान गंवा रहे हैं। सड़कों पर चिह्नित ब्लैक स्पॉट हादसों के कारण मौत के स्पॉट बन चुके हैं, लेकिन पुलिस, यातायात विभाग, पीडब्ल्यूडी तथा एनएचएआई ने ऐसे स्थानों पर जोखिम कम करने और सुरक्षित यातायात उपलब्ध कराने की दिशा में कोई काम नहीं किया है।   

यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2024 में 1170 हादसों में 702 लोग काल के गाल में समा गए। सड़क हादसों में सबसे ज्यादा जान दोपहिया वाहन सवारों की गई। 200 से ज्यादा लोग हेलमेट नहीं लगाए होने के कारण हेड इंजरी का शिकार हुए। बड़ा हादसा होने पर दो-चार दिन एनएचएआई, पीडब्ल्यूडी और पुलिस ने सक्रियता दिखाई फिर सब कुछ ढर्रे पर छोड़ दिया गया। कमिश्नरेट के थानाक्षेत्रों में चिह्नित ब्लैक स्पॉट पर हादसों के बाद बैठकें और निरीक्षण हुए लेकिन कार्रवाई नहीं के बराबर रही। 

कानपुर में सड़क हादसे

वर्ष            हादसे            मौत        घायल

2020        1321        653                  868
2021        1546        740                 1017
2022        1075        640              761
2023        1103        519               816
2024        1170        702               570 

विपरीत दिशा में दौड़ रहे वाहन तो कहीं सवारियां ढोई जा रहीं

शहर भर में बेलगाम वाहन सवार विपरीत दिशा में फर्राटा भरकर यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं, लेकिन इस पर सख्ती से लगाम नहीं लग पा रही है। इसी तरह तमाम हादसों के बाद भी पिकअप और लोडर में सवारियां ढोने का सिलसिला नहीं रुका है। पुलिस हो या यातायात के सिपाही तैनाती के दौरान इस अराजकता से बेखबर बने रहते हैं। 

सड़कें बदहाल, हर जगह बुरा हाल

हाईवे पर ओवरलोड वाहनों से सड़कें कई जगह छलनी हो चुकी हैं। कोयला नगर से जाजमऊ तक एलिवेटेड हाईवे जगह-जगह से धंसा और गड्ढों से पटा पड़ा है। यहां गड्ढों में फंसकर अक्सर बाइक सवार गिरते हैं और भारी वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। सचेंडी थाने के पास ओवरब्रिज के दोनों ओर सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। यहां भी आए दिन वाहन सवार हादसों का शिकार होते हैं। 

टी और वाई जंक्शन व तीव्र मोड़ पर हादसे

यातायात निदेशालय के अनुसार 70 प्रतिशत से अधिक हादसे राष्ट्रीय और प्रांतीय राजमार्गों पर पड़ने वाले कस्बों, संपर्क मार्गों के टी और वाई जक्शन एवं तीव्र मोड़ पर होते हैं। निदेशालय ने ऐसे चिह्नित स्थानों पर रोड साइनेज, चेतावनी बोर्ड, चमकीली स्ट्रिप तथा यलो ब्लिंकर लगवाने के निर्देश दिए थे, लेकिन जमीन पर यह उपाय कहीं नहीं हुए।

हाईवे पर हादसों की वजह: 

-    सड़क मरम्मत के दौरान संकेतक नहीं लगाना।
-    खराब खड़े वाहन के आगे पीछे कोई संकेतक न होना।
-    ओवरस्पीड, ओवरटेकिंग, नशा, नींद और थकान।
-    ट्रकों की ओवरलोडिंग से सड़क पर नालियां बनना।

कमिश्नरेट में चिह्नित 20 ब्लैक स्पॉट 

गुजैनी बाईपास, नौबस्ता चौराहा कट, यशोदा नगर चौराहा, बर्रा बाईपास, नारामऊ, रामपुर दुर्गा मंदिर, शम्भुआ पुल, हड़हा पुल, कनौजिया पेट्रोल पंप, किसान नगर, भौंती, ब्रह्म देव मंदिर, दादा नगर, विजय नगर, फजलगंज, बीओबी चौराहा, शनिदेव मंदिर, फजलगंज जूट मिल चौराहा, फजलगंज, विजय नगर, दादा नगर ढाल, राहा गांव ढाबा के पास, परास मोड़, नौरंगा चौराहा, जहानाबाद बिल्लू ढाबा के पास, कुवां खेड़ा जवाहर नाला के पास, पनकी पड़ाव।  

यह स्थान भी ब्लैक स्पॉट से नहीं कम

-    सचेंडी पर फ्लाईओवर से उतरते समय 
-    नौबस्ता एलिवेटेड रोड पर मर्जिंग प्वाइंट 
-    बर्रा लोहे वाले पुल के पास 
-    रामादेवी एलिवेटेड रोड पर मर्जिंग प्वाइंट 
-    जाजमऊ गेट के पास गंगा पुल से पहले 

सड़क हादसे रोकने के लिए अभियान चलाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। हाईवे और एलिवेटेड रोड पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए जा चुके हैं। विभागों से तालमेल कर कार्रवाई की जा रही है। लोगों को नियमों का पालन कर खुद भी जागरूक होना पड़ेगा तब हादसों में कमी आएगी। -रवींद्र कुमार, डीसीपी यातायात।

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