कड़ाके की ठंड में ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को हो रही दिक्कत: दिल के मरीजों में बढ़ रही हार्ट अटैक की समस्या, ऐसे बरतें एहतियात
दिसंबर में दी जाने वाली डोज जनवरी में नहीं आ रही है काम
कानपुर, अमृत विचार। कड़ाके की सर्दी से सबसे ज्यादा दिक्कत ब्लड प्रेशर और शुगर के मरीजों को हो रही है। दिसंबर माह में दी गई डोज जनवरी माह में पूरी तरह से काम नहीं आ रही है। इस वजह से मरीजों में हार्ट अटैक व सीने में दर्द आदि की समस्या हो रही है। डॉक्टरों को बीपी और शुगर की डोज बढ़ानी पड़ रही है।
अभी तक डॉक्टर कहते थे कि गर्मी में दी जाने वाली बीपी और शुगर की डोज सर्दी के मौसम में नहीं खाई जाती। इसलिए बीपी और शुगर से ग्रस्त लोग नवंबर या दिसंबर माह में अपनी डोज को चेंज करा लेते थे, लेकिन जनवरी माह में पड़ रही अधिक सर्दी की वजह से नवंबर या दिसंबर माह में लिखीं दवाएं बीपी और शुगर के मरीजों के काम नहीं आ रही हैं।
जिसकी वजह से मरीजों के सीने में दर्द, बेचैनी, सीने में दबाव या जकड़न व घबराहट आदि दिक्कत हो रही हैं। वहीं, बीपी भी बढ़ रहा है। कार्डियोलॉजी के डॉ.नीरज प्रकाश ने बताया कि सर्दी बढ़ने की वजह से मरीजों में ब्लड प्रेशर बढ़ रहा है। जो दवाएं मरीजों की चल रही थीं, उनका असर मरीजों पर अधिक नहीं हो रहा है। इसकी वजह से कार्डियोलॉजी में आने वाले मरीजों की डोज बढ़ाई जा रही है।
दवाओं से स्थिति कंट्रोल नहीं होने की वजह से इन दिनों हार्ट अटैक की समस्या के साथ 20 से 25 मरीज भर्ती हो रहे है। वहीं, पुराने मरीज भी इलाज के लिए आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सर्दी बढ़ने के साथ हृदय रोगियों के दिल की धड़कनें भी बढ़ने लगती हैं। ऐसे में दिल के मरीजों को सावधान रहने की जरूरत है। सर्दी में ऑक्सीजन की कमी रहती है। इससे रक्त वाहनियां संकरी हो जाती हैं। रोगियों की तकलीफ बढ़ जाती है।
इस वजह से सर्दी में बढ़ता है ब्लड प्रेशर
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.नीरज प्रकाश ने बताया कि सर्दी में शारीरिक सक्रियता कम होने से रक्त का दाब बढ़ जाता है। रक्तदाब बढ़ने से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट का खतरा बढ़ता है। सिम्पैथेटिक नर्वस सिस्टम सक्रिय होने से शरीर में कैटेकोलामिन हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है, जो धड़कनों को बढ़ाकर ब्लड प्रेशर बढ़ा देता है।
वहीं, शरीर तापमान और ऊष्मा के स्तर को बनाए रखने के लिए रक्त के प्रवाह को रोकता है। इससे रक्त के संचरण के लिए अधिक बल लगाना पड़ता है। शरीर में अल्फा रिसेप्टर होते हैं, जो सर्दियों में अधिक सक्रिय हो जाते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
ब्लड प्रेशर पर ऐसे करें नियंत्रण
- मीठा, नमकीन और खट्टा कम खाएं।
- धूप या गर्म जगह बैठें।
- हाई बीपी से ग्रस्त लोग सुबह दवा लेकर ही बाहर निकलें।
- आउटडोर गतिविधियां कम से कम करें।
- शरीर को और सिर को अच्छी तरह से ऊनी कपड़ों से ढकें।
- संतुलित, पोषक और ताजा भोजन खाएं।
- अल्कोहल और कैफीन से बचें, क्योंकि यह शरीर से ऊष्मा को तेजी से बाहर निकालते हैं
ऐसे बरतें एहतियात
- रोगी अपने ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की लगातार मॉनीटरिंग करें।
- बीपी या डायबिटीज बढ़ने पर तुरंत दवा की डोज दुरुस्त कराएं।
- गर्म कमरे से अचानक सर्द माहौल में बाहर निकलकर न आएं।
- हाथ-पैर की ऊंगलियां नीली पड़ें तो तुरंत दस्ताने व गर्म मोजे पहनें।
- खानपान में एहतियात बरतें, घर में योगाभ्यास या व्यायाम करें।