Kanpur: जीएसटी की मार से संकट में घुमनी बाजार, व्यापारी बोले- संघर्ष को अब वित्त मंत्री तक ले जाएंगे

Kanpur: जीएसटी की मार से संकट में घुमनी बाजार, व्यापारी बोले- संघर्ष को अब वित्त मंत्री तक ले जाएंगे

कानपुर, अमृत विचार। घुमनी बाजार के व्यापारियों के लिए जीएसटी की दरें जी का जंजाल जैसी हैं। यहां अधिकतर पुरानी बेयरिंग व मशीन उपकरणों का करोबार होता है, जिस पर जीएसटी की दर 18 फीसदी है, इससे पुरानी बेयरिंग या उपकरणों के दाम बढ़ जाते हैं। ऐसे में कीमत ज्यादा होने के चलते अधिकतर ग्राहक नई बेयरिंग खरीदना पसंद कर लेते हैं। इस समस्या के चलते व्यापारियों को बाजार का अस्तित्व ही संकट में पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं। 

घुमनी बाजार व्यसायिक समिति के अध्यक्ष सत्यप्रकाश जायसवाल, महामंत्री अजय साहू, केशव जायसवाल, संतोष जायसवाल, रमाशंकर अग्रहरि, सचिन जायसवाल, विवेक वर्मा, पवन गुप्ता, रामलौट अग्रहरि, सुनील गुप्ता, रतन जायसवाल, रिषभ जायसवाल, सुनील जायसवाल, राम बाबू जायसवाल व अवधेश गुप्ता ने अमृत विचार के साथ संवाद में बताया कि बाजार में करीब 500 दुकानें हैं। यहां सवा सौ साल से पुरानी बेयरिंग का कारोबार हो रहा है। प्रदेश के कई जिलों से लोग बेयरिंग लेने आते हैं। 

लेकिन 18 फीसदी जीएसटी के कारण कारोबार 50 फीसदी तक कम हो गया है। इसके अलावा बाजार में चाइनीज बेयरिंग भी आ रही है। उसके रेट पुरानी बेयरिंग के बराबर पड़ते हैं। व्यापारियों ने बताया कि वैट में पुरानी बेयरिंग को पांच फीसदी के दायरे में रखा गया था। सरकार को जीएसटी दर भी 5 फीसदी ही करनी चाहिए। सरकार ने इसे लेकर जल्द ही कदम नहीं उठाया तो यह पुराना बाजार खत्म होने की कगार पर पहुंच जाएगा।

संघर्ष को अब वित्त मंत्री तक ले जाएंगे

व्यापारियों ने बताया कि जीएसटी रेट 5 फीसदी किए जाने के लिए वे लोग लंबा संघर्ष कर चुके हैं। जीएसटी अधिकारियों से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक कई बार गुहार लगा चुके हैं। अब वित्त मंत्री और जीएसटी काउंसिल तक मांग पहुंचाने की तैयारी है। 

किसान पर पड़ रहा असर

पुरानी बेयरिंग 18 फीसदी जीएसटी के कारण महंगी होने का असर सीधे किसानों पर पड़ रहा है। पुरानी बेयरिंग का सर्वाधिक इस्तेमाल खेती में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों में होता है।  

जाम और अतिक्रमण से भी कारोबार प्रभावित

घुमनी बाजार के सभी रास्ते जाम के शिकार रहते हैं। इससे बाहर से आने वाले व्यापारी बाजार से दूर होते जा रहे हैं। व्यापारियों की मांग है कि बाजार से जुड़ने वाले मार्गों पर जाम की स्थिति कारोबार पर विपरीत असर डाल रही है। इसी तरह सिरकी मोहाल चौराहे पर चारों ओर अतिक्रमण की समस्या है। इस समस्या का समाधान होने से आसपास की अन्य बाजारों को भी लाभ होगा।  

झूलते बिजली के तार आफत

बाजार में झूलते बिजली के तार बड़ी मुसीबत हैं। इन तारों में अक्सर स्पार्किंग होती रहती है। इससे अग्निकांड और करंट फैलने का खतरा बना रहता है। 

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