देश के लिए बलिदान हुए पिता, अब फर्ज निभा रहा बेटा

देश के लिए बलिदान हुए पिता, अब फर्ज निभा रहा बेटा

अमृत विचार, हल्द्वानी : जिस देश के लिए पिता ने सर्वोच्च बलिदान दिया, उसी देश के लिए बेटा आज सेना में अफसर बनकर अपना फर्ज निभा रहा है। ऐसे बलिदानी नंदन को जिला पूर्व सैनिक लीग कार्यालय में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। सेना में हवलदार नंदन सिंह चौधरी ने ऑपरेशन पवन (श्रीलंका) के दौरान अपने प्राण देश के लिए न्यौछावर कर दिए थे। 


लेफ्टिनेट कर्नल (सेनि.) बीएस रौतेला ने बताया कि हवलदार नंदन सिंह चौधरी के पूर्वज लैंसडाउन के निवासी थे। उनके दादा बुद्ध सिंह बचपन में ही मातृभूमि को अंग्रेजों से छुड़ाने के लिए स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े थे। जिसके फलस्वरूप उन्हें कौसानी में जागीर के रूप में भूमि आवंटित की गई थी। उनका परिवार लैंसडाउन से कौसानी आ गया। उन्होंने अपने दोनों पुत्रों को देश की रक्षा के लिए सेना में भेज दिया। पुत्रों की सेवानिवृत के बाद उनके पोते नंदन सिंह भी 10वीं पास करते ही 1972 में सेना मे भर्ती हो गए और उन्हें तैनाती राजपूत रेजिमेंट में मिली थी। सेवा काल के दौरान नंदन सिंह ने पदोन्नति मिलती रही।

वर्ष 1977 में उनका विवाह शांति चौधरी के साथ हुआ। हवलदार नंदन सिंह ने देश के सभी अग्रिम चौकियों में सेवाएं दी। वर्ष 1987-88 में श्रीलंका में आपरेशन पवन चलाया गया। जिसमें भारतीय सेना को भेजा गया। श्रीलंका जाने वाली पल्टनों में हवलदार नंदन सिंह चौधरी की पांच राजपूत रेजिमेंट भी थी। आठ जनवरी 1988 को हवलदार नंदन बलिदानी हो गए थे। 1990 उनका परिवार कौसानी से हल्द्वानी आ गया था।

शांति ने दोनों बेटों को पढ़ाया। शिक्षा पूरी होते ही बड़ा बेटा सेना में भर्ती हो गया, जो वर्तमान में सेना में सूबेदार के पद पर सेवारत है। बुधवार को श्रद्धांजलि कार्यक्रम में शांति देवी, पदमा नेगी, शांति हर्बोला, बच्ची देवी, सुशीला देवी, बीना अधिकारी, प्रेमा डोर्बी, मेजर (सेनि.) के एस महरा, कैप्टन (सेनि.) प्रमोद शर्मा, सूबेदार मेजर (सेनि.) जय दत्त, सूबेदार मेजर (सेनि.) डीएस कन्याल आदि मौजूद रहे।