कानपुर और शुक्लागंज के बीच आवामगन को देखते नया पुल पर मंथन: इन विभाग के अधिकारी तैयार कर रहे प्रस्ताव, गंगा में समा चुका बीच का हिस्सा

कानपुर और शुक्लागंज के बीच आवामगन को देखते नया पुल पर मंथन: इन विभाग के अधिकारी तैयार कर रहे प्रस्ताव, गंगा में समा चुका बीच का हिस्सा

कानपुर, अमृत विचार। कानपुर और शुक्लागंज के बीच आवामगन में लगातार बढ़ती समस्या को देखते हुए समानांतर नया पुल बनाने पर मंथन चल रहा है। पिछले माह पुराने गंगा पुल का एक हिस्सा गंगा में गिरने के बाद समानांतर नया पुल बनाने के संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय ने सेतु निगम से जानकारी मांगी है। 

सेतु निगम और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कार्ययोजना तैयार करने में जुटे हैं। जानकारी के मुताबिक शुक्लागंज के लिए समानांतर पुल वर्तमान में संचालित झाड़ीबाबा पुल- नया गंगा पुल की तर्ज पर दो हिस्सों में बनाया जाएगा। इसका निर्माण पुराने गंगा पुल से 40 मीटर दूरी पर होगा।   

शुक्लागंज से कानपुर को जोड़ने वाले 150 साल पुराने अंग्रेजों के जमाने के पुल का एक स्पैन 26 नवंबर को गंगा में गिर गया था। गनीमत थी कि पुल पहले ही बंद किया जा चुका था। वर्तमान में शुक्लागंज आवागमन के लिए एकमात्र पुल होने से सुबह से रात तक जाम की स्थिति बनी रहती है।  

इस पुल पर लगातार बढ़ रहा वाहनों का लोड देखते हुए लोक निर्माण और सेतु निगम के अधिकारी पुराने गंगा पुल के समीप समानांतर नया पुल बनाने पर मंथन कर रहे हैं। सेतु निगम के एक अधिकारी ने बताया कि प्रस्तावित पुल की शासन को जल्दी ही रिपोर्ट भेजी जाएगी। 

पुराने के बाईं तरफ नया गंगा पुल, शुक्लागंज क्रासिंग पर आरओबी

समानांतर नया पुल जानकारी के मुताबिक ओईएफ मैदान की ओर बनेगा, जो दो हिस्सों में होगा। पहले हिस्से में ओईएफ मैदान की चहारदीवारी के बगल से होते हुए पुराने गंगा पुल के बाएं तरफ से शुक्लागंज तक 880 मीटर लंबा पुल बनाया जाएगा। दूसरे हिस्से में शुक्लागंज रेलवे क्रासिंग पर रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) बनेगा। 780 मीटर लंबा यह आरओबी शुक्लागंज में दुर्गा मंदिर के पास उतरेगा। 

दूसरे स्पैन भी गंगा में समा सकते हैं पुराने गंगा पुल के 

कानपुर-शुक्लागंज के बीच निर्मित पुराने पुल का जो स्पैन गंगा में गिरा है, उसके दोनों तरफ पिलर नंबर 8 और 11 का हिस्सा भी काफी जर्जर हो चुका है। यह बात लोक निर्माण विभाग के सर्वे में सामने आई है। अधिकारियों को नाविकों ने बताया है कि पुल कई और स्थानों पर काफी जर्जर और टूटने की कगार पर है। अधिकारियों ने नाविकों को पुल के पास और नीचे से नहीं गुजरने की नसीहत दी है। 

लोक निर्माण कर रहा गिरे स्पैन को हटाने का प्रयास 

पुराने पुल की निगरानी का जिम्मा लोक निर्माण विभाग के पास था। विभाग ने पुल की जर्जर हालत देखकर अप्रैल 2021 में ही पुल कर यातायात संचालन बंद कर दिया था। पुल बंद होने के तीन साल बाद पुल का जो स्पैन टूटकर गंगा में गिरा, वह पानी में दो पिलर के बीच में फंसा है। लोक निर्माण विभाग 60 टन वजन के इस स्पैन को हटवाने का प्रयास कर रहा है।

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