महाकुंभ 2025 : 70 लाख श्रद्धालुओं को रोज भोजन कराएंगी 200 संस्थाएं, कुंभक्षेत्र में 160 दुकानें मुफ्त में बांटेंगी राशन
प्रयागराज, अमृत विचार : 13 जनवरी से शुरु हो जाने वाले विशाल मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन दिक्क़त नही होगी। कोई भी श्रद्धालु भूखा नहीं रहेगा। महाकुंभ की तैयारियों में समाज सेवी संस्थाओ और अखाड़ों ने बड़े पैमाने पर अन्नक्षेत्र शुरु करने की तैयारी की है। मेले में आने वाले 70 लाख श्रद्धालुओं को प्रतिदिन भोजन कराने के लिए करीब दो सौ संस्थाओं ने जिम्मा उठाया है। इस बड़ी जिम्मेदारी से कोई भी इस बार भूखा नहीं रहेगा। इसके लिए कुंभ क्षेत्र में 200 से ज्यादा धार्मिक संस्थाएं सभी श्रद्धालुओं को भोजन परोसने के लिए कैंप लगाने जा रहे है।
अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के मुताबिक मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बड़ी संख्या में कई धार्मिक संस्थाएं अपनी स्वेच्छा से निःशुल्क भोजन कराने की जिम्मा उठा रही है। यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि इस बार पिछले बार की अपेक्षा संस्थाओ की संख्या ज्यादा होगी। उन्होंने बताया कि इस बार मेले में
राज्य खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग मेला क्षेत्र के सभी सेक्टरों में 160 उचित मूल्य की दुकानें भी स्थापित कर रहा है। जहां जनवरी और फरवरी 2025 में दो बार मुफ्त राशन वितरित किया जाएगा। जिसका लाभ संस्थाएं और कल्पवास करने वालों को मिलेगा।
महाकुंभ मेले में मुफ्त में ठहर सकेंगे हजारों लोग
महाकुंभ मेला में आम आदमी के लिए रुकने और ठहरने के लिए भी सरकार इंतजाम कर रही है। सरकार की ओर से एलजेएस संस्था हैंगर और चादर रैन बसेरा बना रही है, जिसके अंदर तमाम सुविधाएं आम आदमियों के लिए निश्शुल्क होंगी। यह सुविधा मात्र एक दिन के लिए होगी, इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। मौके पर भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।
महाकुंभ मेला क्षेत्र में ठहरने के लिए जहां से एक से बढ़कर एक सुख सुविधाओं वाला कॉटेज तैयार किए जा रहे हैं। सरकार एवं निजी संस्थाएं उन कॉटेजों में आधुनिक तकनीकियों से युक्त सुविधाएं मुहैया कराने की होड़ सी मची हुई है। वही गरीबों का भी ध्यान सरकार रख रही है। सरकार की ओर से एलजेएस संस्था मेला क्षेत्र में 18 रैन बसेरा बना रही है। 15 रैन बसेरा अरैल और बाकी संगम क्षेत्र में बनाया जा रहा है। इसके लिए तेजी के साथ काम चल रहा है। सभी रैन बसेरा को मेला प्रारंभ होने से पहले तैयार कर लिया जायेगा।
संस्था के साइड इंचार्ज आदित्य अग्रवाल ने बताया कि सरकार की ओर से उनकी संस्था को टेंडर दिया गया है। रैन बसेरों में नौ जर्मन तकनीकी से हैंगर पर बनेगा और उतने ही टीन के चादर से बनाए जा रहे हैं। एक बसेरा 25 × 40 मीटर क्षेत्रफल में बनाया गया है, जिसके अंदर ढाई सौ बेड रहेंगे। प्रत्येक व्यक्ति के लिए ठहरने पर चादर, कंबल, तकिया, शौचालय, बिजली, पानी मुफ्त रहेगा। यहां की सुविधा पाने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होगा। इसके साथ ही मौके पर भी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। आवश्यक डॉक्यूमेंट दिखाने होंगे। इन बन रहे रैन बसेरों में लगभग पांच हजार लोग प्रतिदिन ठहर सकेंगे।
आधुनिक तकनीकी से बन रहा जर्मन हैंगर वाला रैन बसेरा
महाकुंभ में आम आदमी के रुकने के लिए बन रहे रैन बसेरा में नौ जर्मन हैंगर वाला रैन बसेरा बन रहा है। यह रैन बसेरा आधुनिक तकनीकी से तैयार किया जा रहा है। यह हवा और पानी से सुरक्षित होगा। अरैल में नौ हैंगर और छह चादर वाला रैन बसेरा बन रहा है।
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