Prayagraj News : ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के ASI survey की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई अब 24 फरवरी को तय
प्रयागराज, अमृत विचार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में एएसआई को आगे के सर्वेक्षण करने का निर्देश देने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट द्वारा 12 दिसंबर को पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा कि 1 सप्ताह बाद शीर्ष अदालत पूजा स्थल अधिनियम, 1991 की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
यह अधिनियम 15 अगस्त 1947 की स्थिति से पूजा स्थलों के धार्मिक चरित्र में परिवर्तन पर रोक लगाता है, जिसके आलोक में सुप्रीम कोर्ट ने अदालतों द्वारा धार्मिक स्थलों के सर्वेक्षण के आदेश सहित कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की एकल पीठ ने मामले को 24 फरवरी 2025 के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि पहली याचिका में वाराणसी जिला न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर वुजूखाना क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देने से इनकार किया गया था और दूसरी याचिका में वाराणसी के जिला न्यायालय द्वारा अक्टूबर 2024 को पारित उस आदेश को चुनौती दी गई है,जिसमें संपूर्ण ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण कराने की मांग को खारिज कर दिया गया था।
दोनों याचिकाओं में प्रभावी रूप से परिसर के उन हिस्सों का एएसआई सर्वेक्षण करने की मांग की गई है, जहां अभी तक सर्वेक्षण नहीं किया गया है। हालांकि सर्वोच्च न्यायालय ने 12 दिसंबर को मध्यकालीन मस्जिदों और दरगाहों के स्वामित्व का दावा करते हुए देश भर में दाखिल अनेक मुकदमों पर चिंता जताते हुए कहा कि इस न्यायालय के अगले आदेश तक धार्मिक स्थल से संबंधित कोई भी वाद पंजीकृत नहीं किया जाएगा और न ही उस पर कोई कार्यवाही की जाएगी।
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