Kanpur: घाटमपुर प्लांट में बनने लगी 660 मेगावाट बिजली, अधिकारियों ने केक काटकर की उत्पादन की शुरुआत

1980 मेगावॉट क्षमता वाले थर्मल पावर प्लांट की दो अन्य यूनिटों में भी जल्द उत्पादन शुरू करने की कवायद

Kanpur: घाटमपुर प्लांट में बनने लगी 660 मेगावाट बिजली, अधिकारियों ने केक काटकर की उत्पादन की शुरुआत

कानपुर, अमृत विचार। घाटमपुर स्थित 1980 मेगावॉट थर्मल पावर प्लांट की 660 मेगावाट क्षमता वाली एक इकाई में बुधवार रात से विद्युत उत्पादन शुरू हो गया। अब यहां 660-660 मेगावॉट की दो अन्य यूनिटों में भी उत्पादन की कवायद शुरू कर दी गई है। 

घाटमपुर पावर प्लांट नेयवेली लिग्नाइट कार्पोरेशन इंडिया और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम का संयुक्त उपक्रम है। दोनों कंपनियों ने प्लांट की स्थापना और संचालन के लिए उत्तर प्रदेश पावर लिमिटेड (एनयूपीपीएल) का गठन किया था। यहां 660 मेगावॉट क्षमता वाली अलग-अलग तीन यूनिटें स्थापित की गई हैं। 

पहली यूनिट में उत्पादन शुरू होने के बाद अब दूसरी यूनिट में विद्युत उत्पादन संबंधी जरूरी परीक्षण किए जाएंगे। कोयला आधारित इस थर्मल पावर प्लांट के लिए झारखंड के दुमका जिले में खदान पचवारा साउथ कोल ब्लाक को विकसित किया गया है। 660 मेगावाट की पहली इकाई में विद्युत उत्पादन लोकसभा चुनाव से पहले शुरू होना था लेकिन अंतिम परीक्षण में देरी हुई। 

प्लांट में विद्युत उत्पादन की शुरुआत एनएलसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक प्रसन्ना कुमार मोटुपल्ली ने बुधवार रात केक काटकर की। इसके साथ ही पावर ग्रिड में विद्युत सप्लाई शुरू हो गई। इस पावर प्लांट के लिए 1886 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की गई थी। 19406.12 करोड़ रुपये से परियोजना की आधारशिला वर्ष 2016 में रखी गई थी। 

पनकी में भी जल्द बनेगी 660 मेगावाट बिजली 

कानपुर के पनकी में स्थापित किए जा रहे 660 मेगावॉट के पावर प्लांट में भी बिजली का उत्पादन जल्द शुरू हो सकता है। यहां जरूरी परीक्षण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। शासन से अनुमति मिलने का इंतजार है।

प्रदेश को मिलेगी 60 फीसदी बिजली 

घाटमपुर के नेयवेली पावर प्लांट से उत्तर प्रदेश को 60 फीसदी बिजली मिलेगी। डिमांड आने पर दूसरे राज्यों को भी बिजली दी जा सकती है। यह उत्तर प्रदेश पॉवर लिमिटेड का प्रथम कोल बेस सुपरक्रिटिकल थर्मल पॉवर प्लांट है। एनएलसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने परियोजना में काम कर रहे व्यापारियों, सहयोगी कंपनी एलएंडटी, जीई पॉवर सिस्टम, बीजीआर एनर्जी सिस्टम, राइट्स प्राइवेट और पावर मेक प्रोजेक्ट लिमिटेड जैसी देश की बहुउद्देशीय कंपनियों के साथ परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों व जिला प्रशासन का आभार जताया।  

4-4 माह के अंतराल में बाकी दो यूनिटों में भी होगा उत्पादन 

एनएलसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने नेयवेली में प्रथम यूनिट के उत्पादन शुरू होने के बाद अधिकारियों व कर्मचारियों को दूसरी और तीसरी यूनिट भी शीघ्र चालू करने के निर्देश दिए। इस पर अधिकारियों ने बताया कि दूसरे व तीसरे चरण के तहत शेष 660 -660 मेगवाट की यूनिटों में भी बिजली उत्पादन का ट्रायल शुरू किया जाएगा। दूसरी यूनिट के संचालन में करीब तीन से चार माह और इसके बाद तीसरी यूनिट शुरू करने में तीन से चार माह का वक्त लगेगा।

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