बदायूं: हत्या करके खेत में दबाया था शव, आजीवन कारावास काटेंगे दो हत्यारे
बदायूं,अमृत विचार : हत्या करके सबूत मिटाने के 14 साल पुराने मामले में दो आरोपियों को दोषी पाया गया है। अपर सत्र न्यायाधीश निधि ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास और 12-12 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार कोतवाली सहसवान क्षेत्र के मोहल्ला शहबाजपुर निवासी मोहम्मद उमर ने 17 अप्रैल 2009 को पुलिस को तहरीर दी थी। जिसमें बताया कि उनका बेटा मोहम्मद कमर को 14 अप्रैल की शाम मोहल्ले में ही रहने वाले जैनुल आब्दीन पुत्र नन्हे खां, अहमद पुत्र अच्छन खां, सलीम व नसीम पुत्र इंसाह अल्ला खां गेहूं काटने का ठेका देना की बात कहकर घर से बुलाकर ले गए थे। जिसके बाद बेटे का पता नहीं चला। मोहम्मद उमर ने उन सभी से बार-बार पूछा तो वह लोग गाली-गलौज करने लगे और जान से मारने की धमकी दी।
वहीं बेटे को इधर-उधर तलाश किया लेकिन कहीं जानकारी नहीं हुई। चार दिन के बाद मोहम्मद कमर का शव खेत में दबा मिला। जैनुल आब्दीन ने कबूल किया कि उसने ही मोहम्मद कमर की हत्या की है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके विवेचना की। साक्ष्य संकलित किए। आरोपी लईक अहमद, शाकिर, जैनुल आब्दीन और समील के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। तब से मामला न्यायालय में विचाराधीन था।
वहीं इस मामले में एक आरोपी जैनुल आब्दीन की मुकदमा के विचारण के दौरान मौत हो गई। दूसरे आरोपी आरोपी समील पुत्र फक्कू उर्फ फकीर अहमद के फरार होने की वजह से उसकी पत्रावली अलग कर दी गई। गुरुवार को न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन कर एडीजीसी मदन लाल राजपूत और बचाव पक्ष के अधिवक्ता की बहस सुनने के बाद दोषी लईक अहमद और शाकिर को सजा सुनाई है।
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