रुद्रपुर: नाटकीय अंदाज में पहुंचा तौहीद, चौकी में किया सरेंडर
रुद्रपुर, अमृत विचार। शहर के चर्चित छात्र अपहरण प्रयास के मुख्य आरोपी तौहिद बेग ने नाटकीय अंदाज में सिडकुल चौकी में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद जांच अधिकारी ने आरोपी के बयान दर्ज कर छोड़ दिया और नैनीताल हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने की तैयारी शुरू कर दी है। खास बात यह है कि मुख्य आरोपी तौहीद जिस स्टाइल से कांग्रेस नेता के साथ वकीलों को लेकर पहुंचा। जो कि शहर में चर्चा का विषय बन गया है।
बताते चलें कि पांच मंदिर के रहने वाले विनोद कुमार चावला ने थाना पंतनगर में एक मुकदमा दर्ज करवाते हुए बताया था कि उसका भाई राजेश चावला ओमेक्स कॉलोनी में रहता है। भाई का 17 वर्षीय बेटा माधव चावला अपने सहपाठियों के साथ ट्यूशन पढ़कर लौट रहा था। तभी सिर गोटिया निवासी तौहीद बेग अपने कुछ साथियों के साथ आया और सहपाठियों के साथ हाथापाई करते हुए छात्र माधवा चावला से हाथापाई कर जबरन कार में खींचकर डालने की कोशिश की। लोगों के एकत्रित होने पर भतीजे के अपहरण की योजना फेल हो गई।
मुकदमा दर्ज होने के बाद सिडकुल चौकी पुलिस लगातार मुख्य आरोपी तौहीद की सरगर्मी से तलाश कर रही थी। साथ ही उसको संरक्षण देने वाले हर उस व्यक्ति के यहां दबिश दे रही थी। जिसका पुलिस को संदेह था। वहीं पुलिस ने आरोपी के घर कुर्की का नोटिस भी चस्पा कर दिया था। बुधवार की सुबह 10 बजे अचानक मुख्य आरोपी तौहीद अपने साथ कांग्रेस नेता मोहन खेड़ा व चार-पांच अधिवक्ताओं को लेकर सिडकुल चौकी पहुंचा। यह देख पुलिस भी हैरान हो गई।
सूचना मिलते ही जांच अधिकारी चौकी प्रभारी प्रदीप कुमार भी मौके पर पहुंचे। जहां मुख्य आरोपी ने नैनीताल हाईकोर्ट का आदेश थमाते हुए 41 नोटिस पेश किया। नोटिस मिलने के बाद बेबस पुलिस जांच अधिकारी ने तौहीद के बयान दर्ज किए और बयान दर्ज करने के बाद छोड़ दिया। अब पुलिस नैनीताल हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी और साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तारी आदेश प्राप्त करने की कोशिश करेगी। जिसकी तैयारी पुलिस ने शुरू कर दी है। छात्र अपहरण के आरोपी के साथ कांग्रेस नेता मोहन खेड़ा का आना शहर में चर्चा का विषय बन गई है।
संरक्षणकर्ता की थी पुलिस को सटीक जानकारी
छात्र अपहरण प्रयास के मुख्य आरोपी को एक कांग्रेस नेता द्वारा संरक्षण देने की आशंका सही बैठी। पुलिस को पुख्ता जानकारी थी कि तौहीद कांग्रेस नेता के घर पर ही छिपा है। यही कारण है कि पुलिस टीम ने भूरारानी स्थित फार्म हाउस में दबिश दी थी, लेकिन बुधवार को जब खुद कांग्रेस नेता मोहन खेड़ा मुख्य आरोपी तौहीद के साथ अधिवक्ताओं को लेकर पहुंचा तो पुलिस की आशंका सटीक थी। उसकी पुष्टि हो चुकी थी। कांग्रेस नेता की यह भूमिका शहर में चर्चा का विषय बन गई है।
41 नोटिस के तहत नहीं होती है गिरफ्तारी
41 नोटिस यानी जिन प्रकरणों में सात वर्ष से अधिक की सजा का प्रावधान है। उन मामलों में पुलिस को गिरफ्तारी का आदेश है, लेकिन छह वर्ष से नीचे वाले प्रकरणों में पुलिस को केवल बयान दर्ज करने का अधिकार दिया है। पुलिस साक्ष्यों के आधार पर विधिक कार्रवाई में अदालत को सुनवाई कर सजा देने का प्रावधान है। यही कारण है कि छात्र अपहरण प्रयास प्रकरण में पुलिस ने 41 नोटिस के आधार पर बयान दर्ज किए और अब हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी।
खेड़ा बोले तौहीद पर लिखाया झूठा मुकदमा
तौहीद की पैरवी करने आए कांग्रेस नेता मोहन खेड़ा ने बताया कि बच्चों का भतीजे से विवाद हुआ था। इसी विवाद का पटाक्षेप करने के लिए तौहीद गया हुआ था, लेकिन पॉश कॉलोनी की सुरक्षा युक्त कॉलोनी में अपहरण की घटना नहीं हो सकती है। बावजूद पुलिस ने झूठा मुकदमा लिखवाया। जिसके बाद पुलिस लगातार परेशान कर रही थी तो अदालत के आदेश पर बयान दर्ज करवाए गए हैं। बच्चों के विवाद को पुलिस बेवजह मुद्दा बना रही है।
सात वर्ष से नीचे वाली सजा में गिरफ्तारी का प्रावधान नहीं है। कारण तौहीद शिकायतकर्ता की तहरीर में मुख्य आरोपी था और अपहरण के प्रयास का आरोपी है। लिहाजा पुलिस ने अपने दायित्वों का निर्वहन किया। पुलिस ने अदालत के आदेश का पालन करते हुए 41 नोटिस के तहत बयान दर्ज किए हैं और पुख्ता सबूतों के साथ नैनीताल हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखेगी। जिरह के बाद अदालत के आदेशानुसार ही आगे की कार्रवाई होगी।
-मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर
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