शाहजहांपुर : पराली जलाने वाले किसानों पर शिकंजा, 12 का सट्टा बंद
शाहजहांपुर, अमृत विचार। पराली जलाने पर पूरी तरह से अंकुश लगाने की प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है। पहले जहां एफआईआर दर्ज करवाई जा रही थी, वहीं अब 12 किसानों का सट्टा बंद कर दिया गया है। यह कार्रवाई सेटेलाइट से जानकारी के आधार पर की गई। इनमें से चार मकसूदापुर और आठ किसानों का निगोही चीनी मिल में गन्ना का सट्टा था। सट्टा बंद होने की कार्रवाई से किसानों में खलबली मच गई है। यह कदम बढ़ते हुए वायु प्रदूषण को देखते हुए उठाया गया है।
जमीन की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने और वातावरण को प्रदूषण से बचाए रखने के लिए शासन की ओर से पराली जलाने पर प्रतिबंध है। किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान और पराली को खेत में ही नष्ट करके भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाए रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। हालांकि इस बार पराली जलाने के मामले कम हुए है, फिर भी प्रशासन पूरी तरह से सख्ती बरते हुए है कि किसान पराली न जला पाएं। इसके बावजूद भी किसान धान कटाई के बाद खेतों में बचे हुए अवशेष (पराली ) को जलाने का काम कर रहे हैं। पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए सेटेलाइट के जरिये निगरानी की जा रही है। इसी निगरानी की जद में मकसूदापुर चीनी मिल में गन्ना सप्लाई करने वाले बंडा के गांव पिपरिया भगवंत निवासी किसान घनश्याम, गांव सिंघापुर कुरसंडा निवासी ओमकार, नारायणपुर गंगा निवासी हंसराम, ठकुरी बुजुर्ग निवासी विमला देवी और निगोही चीनी मिल को गन्ना सप्लाई करने वाले गांव जिगनिया जप्ती इंदरखू निवासी हरजिन्दर सिंह, कश्मीर सिंह, सिंघारा सिंह, गांव चककन्हऊ निवासी रजनीश कुमार, महाऊ महेश निवासी सत्येन्द्र कुमार, गांव रेहरिया निवासी सुनील कुमार उर्फ अनिल ,चंदपई निवासी सत्येन्द्र कुमार, जितेन्द्र कुमार के गन्ना सट्टे बंद कर दिए गए।
पराली जलाने पर सख्त हुआ प्रशासन
जिले में बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए प्रशासन पराली जलाने को लेकर सख्त है। पहले जहां पराली जलाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जा रही थी, वहीं अब सट्टा रद करने की कार्रवाई की जा रही है। ताकि जिले में पराली जलाने की घटनाएं कम हों। बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए पराली को एक बड़ा कारण माना जाता है। वर्तमान में महानगर के साथ-साथ जिले की वायु गुणवत्ता खराब है। महानगर में हाल ही में कई बार एक्यूआई 500 के पार जा चुका है। जबकि 50 के पार जाने पर ही एक्यूआई हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव डालने लगता है। ऐसे में 500 पार जाना दमघोटू हवा का परिचायक है। इसी को देखते हुए पराली जलाने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।
सहकारी गन्ना विकास समिति पुवायां सचिव द्वारा सेटेलाइट से प्राप्त जानकारी के आधार पर पराली जलाने वाले 12 किसानों के गन्ने के सट्टे बंद कर दिए गए हैं। इनमें से चार किसानों के मकसूदापुर और आठ किसानों के निगोही चीनी मिल में गन्ना सट्टा थे। -डॉ. सुरेश कुमार, एडीएम वित्त
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