परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024: पढ़ाई, लिखाई के साथ परिक्षा भी जरूरी, स्कूलों में प्रत्येक शनिवार बच्चों का लिया जाए टेस्ट

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024: पढ़ाई, लिखाई के साथ परिक्षा भी जरूरी, स्कूलों में प्रत्येक शनिवार बच्चों का लिया जाए टेस्ट

लखनऊ, अमृत विचार: जिलाधिकारी सूर्य पाल गंगवार की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 (एनएएस) परीक्षा की तैयारियों पर बैठक हुई। जिलाधिकारी ने 4 दिसंबर को प्रस्तावित इस परीक्षा की तैयारियां शुरू करने के लिए सभी विद्यालयों को निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा मॉडल पेपर एवं ओएमआर प्रैक्टिस शीट उपलब्ध करा दी गई हैं, जिन्हें स्कूलों में वितरित कर प्रत्येक शनिवार को बच्चों का टेस्ट लिया जाए। उन्होंने बताया कि यह राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण है, जो भारत सरकार द्वारा छात्रों के शिक्षा स्तर और ज्ञान की गुणवत्ता को मापने के लिए किया जाता है। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता, विद्यार्थियों की समझ और विभिन्न क्षेत्रों जैसे गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और भाषा में उनकी दक्षता को जानना होता है। इस सर्वेक्षण से प्राप्त डेटा का उपयोग राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा नीतियों में सुधार करने और शिक्षण प्रक्रियाओं में आवश्यक बदलाव लाने के लिए किया जाता है। बैठक में बेसिक शिक्षा अधिकारी, विभिन्न विद्यालयों के अध्यापक सहित सम्बन्धित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

न्यूनतम 75 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति का प्रयास हो

जिलाधिकारी ने सभी विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति सुधारने के शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि नियमित विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे उपस्थिति न्यूनतम 75 प्रतिशत हो सके। इस दिशा में शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए निर्देशित किया। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को अभियान प्रभावी रूप से लागू करने और नियमित रूप से उपस्थिति की निगरानी करने के निर्देश दिए। इसके अलावा माता-पिता को भी इस विषय में जागरूक किया जाए, जिससे वे बच्चों को नियमित विद्यालय भेजें।

बच्चों को बनाएं मॉनिटर सहपाठियों को पढ़ाने का दें अवसर
जिलाधिकारी ने कहा कि विद्यालयों में छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों की अनुपस्थिति में बच्चों को मॉनिटर बनाने के साथ सहपाठियों को पढ़ाने का अवसर दिया जाए। इससे बच्चे न केवल अपने साथी छात्रों को पढ़ाएंगे साथ ही अपने ज्ञान का विकास कर सकेंगे। इस अनुभव से बच्चे जिम्मेदारियों को समझने में सक्षम होंगे। जिलाधिकारी ने प्रत्येक कक्षा में क्लास मॉनिटर के साथ-साथ सब्जेक्ट मॉनिटर भी बनाने का निर्देश दिया, जिससे छात्रों के अनुशासन एवं शैक्षणिक गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा सके। उन्होंने सभी कक्षाओं के लिए एक व्यवस्थित क्लास शेड्यूल तैयार करने के निर्देश दिए।

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