मनरेगा श्रमिकों में 58 फीसद की गिरावट, काम प्रभावित, त्योहार और धान की कटाई से कम हुए आठ लाख श्रमिक
लखनऊ, अमृत विचार: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) में अचानक 58 फीसद श्रमिकों में गिरावट आई है। इसकी वजह त्योहार और धान की कटाई के कारण श्रमिकों की संख्या कम हो गई है। इससे गांवों में कार्यों के लिए विभाग को श्रमिक नहीं मिल रहे हैं।
प्रदेश निर्माण सामग्री का बकाया और भुगतान के लिए बजट न होने के कारण मनरेगा के ज्यादातर काम प्रभावित थे। पिछले माह बजट मिला तो कच्चे-पक्के कार्यों के मस्टर रोल बने। श्रमिकों ने काम की मांग भी की। जब काम शुरू हुए तो धान की कटाई होने लगी। इससे श्रमिक कटाई में लग गए। इधर, दिवाली के कारण और भी श्रमिकों की संख्या घट गई। करीब 20 लाख श्रमिकों में 12 लाख ही बचे हैं। इससे श्रमिकों में 58 फीसद की गिरावट आई है। वहीं लखनऊ की बात करें तो यहां 55 हजार के आसपास श्रमिक कार्य कर रहे थे, जो अब 2600 बचे हैं। इधर, नवंबर तक धान की कटाई होने तक संख्या और कम होगी। इससे कार्यों पर असर पड़ेगा।