Kanpur: गंगा में नाले रोकने के लिए मांगे 138 करोड़, जलनिगम ने 9 नालों को टेप करने के लिये शासन को भेजा प्रस्ताव

Kanpur: गंगा में नाले रोकने के लिए मांगे 138 करोड़, जलनिगम ने 9 नालों को टेप करने के लिये शासन को भेजा प्रस्ताव

कानपुर, अमृत विचार। जनवरी 2025 में महाकुंभ की शुरुआत से पहले एनजीटी की ओर से गंगा के पानी को लेकर जताई गई चिंता ने सवाल खड़े कर दिये हैं। शहर में गंगा और सहायक पांडु नदी में गिरने वाले नालों को टेप न करने से दूषित पानी गंगा में गिर रहा है। वहीं, गंगा किनारे बसी बस्तियों से तो सीधे पानी गंगा में जा रहा है। जिससे गंगा का पानी मैला हो रहा है। शहर में गंगा में गिरने वाले 5 और पांडु नदी में गिरने वाले 4 नालों को पूरी तरह से टेप करने के लिये जलनिगम ने 138 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। 

प्रयागराज में महाकुंभ से पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का यह कहना कि गंगा का पानी आचमन योग्य नहीं है, करोड़ों लोगों की श्रद्धा और विश्वास पर कुठाराघात जैसा है। एनजीटी ने इसका कारण प्रदेश में सीवेज या दूषित पानी गंगा में बहाया जाना बताया है।

शहर में निकलने वाले 420 एमएलडी सीवेज व दूषित पानी में अभी भी 100 एमएलडी पानी शोधित नहीं होता, जो सीधे गंगा नदी में जाता है। 5 अनटेप और 1 आंशिक अनटेप नाले के पानी को जैविक शोधन विधि से शोधित किया जाता है। लेकिन, इसमें भी लापरवाही की वजह से सीवेज गंगा में जाता है। पांडु नदी में 4 नालों से सीधे पानी जा रहा है। 

नालों को बंद करने के लिए जल निगम ने शासन से 138 करोड़ रुपये मांगे हैं। शहर में अभी डब्का, सत्तीचौरा, गोलाघाट, रानीघाट, परमिया और गुप्तारघाट अनटेप हैं। यहां जैविक शोधन (बायोरेमिडिएशन) का कार्य नहीं हो रहा है। वहीं, पांडु नदी में गिरने वाले पनकी थर्मल नाला, रतनपुर नाला, आईसीसी व एक अन्य नाले से सीधे सीवेज पांडु नदी में जा रहा है। 

1759 करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च

गंगा को निर्मल अविरल करने के लिए 1759 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। 7 एसटीपी का निर्माण किया गया, इनकी 420 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) दूषित पानी ट्रीट करने की क्षमता है, लेकिन अभी सिर्फ 320 एमएलडी पानी ट्रीट हो पा रहा है। एसटीपी में दूषित पानी नहीं पहुंचने के चलते गंगा और पांडु नदी में 100 एमएलडी दूषित पानी गिर रहा है। वहीं, बनियापुरवा का एसटीपी भ्रष्टाचार के चलते शुरू नहीं हो पाया है। 

गंगा के पानी का रंग बदल रहा

बायोरेमिडिएशन कार्य में लापरवाही से गंगा के पानी में बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी), रासायनिक ऑक्सीजन डिमांड (सीओडी), कुल निलंबित ठोस (टीएसएस) की मात्रा बढ़ रही है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने कई बार जांच में इसकी पुष्टि की है। इससे गंगा के पानी का शहर में रंग बदल रहा है। 


प्लांट की स्थिति    क्षमता            ट्रीट पानी
वाजिदपुर        130 एमएलडी        100 एमएलडी
पनका             30 एमएलडी        8
सजारी            42 एमएलडी        22
बनियापुर         15 एमएलडी        00
बिनगवां          210 एमएलडी        140
वाजिदपुर न्यू     42 एमएलडी        30
वाजिदपुर टू         27                 20

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