Kanpur: पम्प की लागत 25 लाख से 48 करोड़ कैसे हुई?...मानवाधिकार आयोग ने नगर आयुक्त से पूछा सवाल
कानपुर, अमृत विचार। जूही खलवा पुल पर हर साल जलभराव से होने वाली मौतों के मामले में सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री एडवोकेट प्रवीण फाइटर की दाखिल याचिका पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने नगर आयुक्त के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है। आयोग ने यह भी पूछा है कि नगर आयुक्त की ओर से स्टार्म वॉटर पम्प लगवाने का बजट जो 25 लाख रुपये बताया गया वह धनराशि बढ़कर 48 करोड़ 9 लाख 30 हजार कैसे हो गयी।
सेंट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री प्रवीण फाइटर की दाखिल याचिका में आयोग ने नगर आयुक्त के साथ जिलाधिकारी को भी जनवरी में तलब किया था। आयोग को अवगत कराया गया था कि खलवा पुल पर जल भराव को रोकने के लिए 25 लाख से एक स्टार्म वाटर पम्प लगाया जाएगा। यह बजट नगर निगम उपलब्ध कराएगा। इसके बाद नगर आयुक्त ने आयोग को अवगत कराया कि यह राशि उपलब्ध करा दी है।
जब काफी समय तक कोई कार्यवाही नहीं हुई तो प्रवीण फाइटर ने आयोग में अपनी आपत्ति दाखिल की। इसके बाद आयोग ने स्पष्टीकरण मांगा। 11 जून को स्पष्टीकरण में कहा गया कि स्टार्स वाटर पम्प निर्माण के लिए डीपीआर अनुमानित लागत 48 करोड़ 9 लाख 30 हजार तैयार किया गया है। धनराशि में इतना अंतर देखकर शिकायतकर्ता ने आपत्ति की तो आयोग ने नगर आयुक्त को व्यक्तिगत रूप से छह नवंबर को तलब किया। अन्यथा वारंट की भी चेतावनी दी।
इसके बावजूद नगर आयुक्त आयोग के समक्ष हाजिर नहीं हुए और एक आख्या भेज दी। उक्त आख्या की सुनवाई कर रहे आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा ने असन्तोषजनक बताया है और पूछा है कि स्टार्म वाटर पम्प का बजट 25 लाख से बढ़कर 48 करोड़ 9 लाख 30 हजार कैसे हो गया। आयोग ने नगर आयुक्त को आदेश दिया है कि अगले दो सप्ताह में उपस्थित होकर यह स्पष्ट करें। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर समय से नगर आयुक्त ने उत्तर नहीं दिया तो दंडात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।