देहरादून: प्रदेश में 2,447 करोड़ की परियोजनाओं के लिए केंद्र, राज्य और एडीबी के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर

देहरादून: प्रदेश में 2,447 करोड़ की परियोजनाओं के लिए केंद्र, राज्य और एडीबी के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर

देहरादून, अमृत विचार। उत्तराखंड में विकास कार्यों को गति देने के लिए केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एशियन विकास बैंक (एडीबी) के बीच 2,447 करोड़ रुपये की परियोजनाओं के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। एडीबी ने हाल ही में इन परियोजनाओं के वित्तीय समर्थन को मंजूरी दी थी। उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चंद्रेश कुमार ने बताया कि दिल्ली में इन परियोजनाओं के लिए समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए गए हैं और जल्द ही काम शुरू हो जाएगा। 

इन परियोजनाओं के तहत प्रदेश के 36,119 घरों में पेयजल कनेक्शन और 10,098 घरों में सीवरेज कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे। 

प्रमुख परियोजनाएं और उनके कार्य:

- कोटद्वार पेयजल योजना (373 करोड़ रुपये) : 330 किमी पेयजल नेटवर्क बिछाया जाएगा, 22,196 घरेलू पेयजल कनेक्शन दिए जाएंगे, और 4000 किलो लीटर पेयजल क्षमता के लिए जलाशयों और नलकूपों का निर्माण होगा।
  
- चंपावत पेयजल योजना (240 करोड़ रुपये) : 160 किमी पेयजल नेटवर्क, 4523 घरेलू कनेक्शन, 2900 किलो लीटर क्षमता वाले जलाशय और 3.5 एमएलडी पेयजल शोधन संयंत्र का निर्माण होगा।

- किच्छा पेयजल आपूर्ति योजना (463.24 करोड़ रुपये) : 402 किमी पेयजल नेटवर्क, 20,000 घरेलू कनेक्शन, और 6800 किलो लीटर पेयजल क्षमता के लिए जलाशयों और नलकूपों का निर्माण होगा।

- विकासनगर पेयजल व सीवरेज योजना (509.84 करोड़ रुपये) : 131 किमी पेयजल नेटवर्क, 9400 घरेलू कनेक्शन, 3650 किलो लीटर जलाशय और नलकूपों का निर्माण होगा। साथ ही, 58 किमी सीवरेज नेटवर्क बिछाकर 10,098 सीवरेज कनेक्शन दिए जाएंगे और 7.5 एमएलडी सीवेज शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा।

- हल्द्वानी आईटीएमएस योजना (400 करोड़ रुपये) : हल्द्वानी में नगरीय गतिशीलता और नमो भवन (सभी राजकीय कार्यालयों के लिए प्रशासनिक भवन) का निर्माण कार्य किया जाएगा।

- हल्द्वानी व्यापक गतिशीलता अर्बन मोबिलिटी योजना (268 करोड़ रुपये) : इस योजना के तहत शहर में यातायात सुधार के लिए विभिन्न परियोजनाओं का कार्य किया जाएगा।

इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं को सुदृढ़ करना, पेयजल और सीवरेज व्यवस्था को बेहतर बनाना, और नागरिकों की जीवन गुणवत्ता को सुधारना है।

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