VIDEO, रायबेरली: पुलिस ने रिटायर्ड सैनिक को बेरहमी से पीटा, अखिलेश यादव ने कहा सीएम साहब थाना सस्पेंड करेंग या पीड़ित के घर बुल्डोजर चलाएंगे
अमृत विचार, रायबरेली: रायबरेली पुलिस पर एक रिटायर्ड सैनिक को बेरहमी से पीटने का आरोप लगा रहा है। मामला इतना तूल पकड़ रहा कि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी दखल दे दी। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर लिखा है कि सेना में मेडल पाए एक फ़ौजी के साथ उप्र में जैसा हिंसक व्यवहार किया गया है वो घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है। मुख्यमंत्री जी कम-से-कम फ़ौजियों के सम्मान में तो न्याय करें। देखना है पूरा थाना सस्पेंड होता है या फिर उस पर बुलडोज़र चलाया जाता है। बताया जा रहा है कि बच्चों के विवाद में पुलिस ने पूर्व सैनिक को हिरासत में ले लिया और चौकी के भीतर जमकर पीटाई की।
रायबरेली के डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के घुरवारा चौकी प्रभारी उस समय विवादों में आ गए, जब घुरवारा में दो पक्षों का एक छोटा सा मामला देखते-देखते विकराल रूप धारण कर लिया। जिसकी चर्चा रायबरेली से लेकर लखनऊ तक होने लगी। घुरवारा चौकी इंचार्ज पर फौजी के साथ बर्बरता से पिटाई के गंभीर आरोप लग रहे हैं। यह पूरा मामला बच्चों के विवाद का है, जिसे चौकी इंचार्ज हिमांशु मलिक संभाल नहीं पाए। जानकारी के मुताबिक सिंदुरामऊ निवासी पूर्व सैनिक इंदल सिंह को जानकारी हुई कि उनके बेटे को पुलिस चौकी बुलाया गया है। इसपर बाद वह अपने साथियों के साथ चौकी पर पहुंच गए। वहां पर दोनों पक्षों में जमकर कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस ने इंदल सिंह और उनके सहयोगियों को हिरासत में ले लिया। इतना ही नहीं चौकी इंचार्ज हिमांशु मलिक ने तहरीर देकर कई संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। इसी के साथ दोनों पक्ष ने भी तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया। दोपहर को जब पुलिस इंदल सिंह का मेडिकल कराने लेकर पहुंची तो मीडिया से बात करते हुए रिटायर्ड फौजी इंदल ने कहा उनका यह वीडियो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचा दीजिएगा। मेरे साथ मारपीट की गई। उनके चेहरे और आंख पर चोट के निशान से साफ झलक रहा था कि पुलिस ने किस क्रूरता से उनके साथ मारपीट की। इस घटना से आक्रोशित सवर्ण आर्मी और पूर्व सैनिकों ने चौकी इंचार्ज के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वहीं मामला तूल पकड़ने लगा तो जिले के आला अफसर वीडियो जारी करते हुए प्रकरण में सफाई देने लगे।
सीओ सिटी को सौंपी गई मामले की जांच
मामला तूल पकड़ता देख पुलिस हरकत में आ गई है। स्थानीय लोगों का आक्रोश के कारण सीओ सिटी को जांच सौंपी गई है। इसमें अभियोग पंजीकृत किए जाने से इंदल सिंह फौजी द्वारा पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप की जांच करेंगे। अतरिक्त पुलिस अधीक्षक एके सिंहा का कहना है कि 31 अक्टूबर को दो पक्षों में मारपीट की सूचना मिली थी। दोनों पक्षों को चौकी लाया गया। एक पक्ष से इंदल सिंह समेत सात आठ लोग आए और उनके पास हथियार थे। उन लोगों ने दूसरे पक्ष को मारने पीटने की कोशिश किया। हस्तक्षेप करने पर चौकी का घेराव कर पुलिस पर हमलावर हो गए। पुलिस ने बल का प्रयोग करके उन्हें पकड़ लिया। उनके खिलाफ अभियोग पंजीकृत किया। दूसरे पक्ष पर भी अभियोग पंजीकृत किया गया है। उन्हें भी न्यायिक अभिरक्षा में भेज गया है।
सेना में मेडल पाए एक फ़ौजी के साथ उप्र में जैसा हिंसक व्यवहार किया गया है वो घोर आपत्तिजनक और निंदनीय है। मुख्यमंत्री जी कम-से-कम फ़ौजियों के सम्मान में तो न्याय करें। देखना है पूरा थाना सस्पेंड होता है या फिर उस पर बुलडोज़र चलाया जाता है। pic.twitter.com/qVmKCj22xY
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