रुद्रपुर: आखिर कौन है तलाकशुदा महिला, चालक ने कहां छोड़ा
रुद्रपुर, अमृत विचार। हल्द्वानी देवलचौड़ के सिडकुल कर्मी नीरज हत्याकांड की गुत्थी सुलझने की बजाय उलझती ही जा रही है। हत्याकांड में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसमें आखिर वह तलाकशुदा महिला कौन थी और टुकटुक चालक ने नीरज को कहां और किन लोगों के पास छोड़ा। 29 अक्टूबर की देर रात्रि तक नीरज जिंदा था। कारण सीसीटीवी कैमरों ने इसकी पुष्टि कर दी है।
बताते चलें कि सिडकुल की बजाज ऑटो कंपनी कर्मी नीरज पंत 28 अक्टूबर की दोपहर को कंपनी बस से ड्यूटी के लिए निकला था और कंपनी के अंदर प्रवेश भी किया। बताया जा रहा है कि बिना पंचिग के ही वह बाहर निकला और उसके बाद से ही गायब हो गया। जब 30 अक्टूबर को नीरज के भाई हिमांशु पंत ने गुमशुदगी दर्ज कराई तो कोतवाली इलाके की बाजार चौकी ने खोजबीन की।
जब रोडवेज पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया तो पाया कि 29 अक्टूबर की रात्रि 1.08 बजे नीरज एक टुकटुक में बैठा और टुकटुक वाले ने श्याम टाकीज रोड से एक महिला को भी बैठाया था। जब पुलिस ने संदिग्ध महिला से पूछताछ की तो पता चला कि महिला तलाकशुदा है। अब सवाल यह उठता है कि आखिर यह तलाकशुदा महिला कौन थी। वहीं टुकटुक वाले ने नीरज को कहां व किन परिस्थितियों में छोड़ा था। क्या उस वक्त नीरज के साथ कुछ लोग थे या नहीं। इन सभी सवालों का जवाब ढूंढने में पुलिस जुट गई है।
किसके बुलाने पर गांव पहुंचा नीरज
दीपावली के त्यौहार पर हर शख्स ड्यूटी समाप्त कर अपने घर जाना चाहता है, लेकिन 29 अक्टूबर को ड्यूटी से नदारद होकर हल्द्वानी जाने के बजाय आखिर नीरज नारायणपुर गांव किसके बुलावे पर गया। ऐसी क्या मजबूरी थी या फिर जरूरत कि देर रात्रि युवक को रुद्रपुर से आठ किलोमीटर दूर जाना पड़ा और जिस गांव में युवक गया था वह मार्ग वैसे भी रात के अंधेरे में सुनसान मार्ग में तब्दील हो जाता है। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए पुलिस ने मैनुअल व आधुनिक तकनीकी का सहारा लेना शुरू कर दिया है।
गुमशुदगी का मुकदमा हत्या में तरमीम
सिडकुल कर्मी नीरज हत्याकांड प्रकरण में पुलिस ने अब गुमशुदगी के मुकदमे को अब हत्या में तरमीम कर थाना किच्छा को स्थानांतरित कर दिया है। मृतक के छोटे भाई मानपुर पश्चिम देवलचौड़ हल्द्वानी निवासी हिमांशु पंत ने तहरीर देकर बताया था कि 28 अक्टूबर की दोपहर उसका बड़ा भाई नीरज सिडकुल की कंपनी की बस से ड्यूटी गया था और घर नहीं लौटा। काफी खोजबीन के बाद 30 अक्टूबर को बाजार चौकी पुलिस ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की।
31 अक्टूबर को सूचना मिली कि नारायणपुर गांव के समीप एक युवक का शव पड़ा हुआ है। जब शिनाख्त की तो पता चला की शव नीरज पंत का है और सिर पर चोट के निशान है। आशंका जताई कि नीरज की हत्या कर शव गड्ढे में फेंका गया है। हत्या की पुष्टि होने के बाद रुद्रपुर कोतवाली पुलिस ने अब मामले की जांच किच्छा थाना पुलिस को सौंप दी है।
लूट या फिर कोई पुरानी रंजिश
जिस प्रकार हल्द्वानी के रहने वाले सिडकुल कर्मी नीरज 28 अक्टूबर से लापता था और उसका शव रुद्रपुर-थाना पंतनगर इलाके से आठ किलोमीटर दूर थाना किच्छा के गांव नारायणपुर के करीब पड़ा हुआ मिला। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या नीरज की हत्या रुद्रपुर इलाके में की गयी या फिर गांव नारायणपुर में। क्या हत्या का कारण लूटपाट था, या फिर पुरानी रंजिश के चलते किसी महिला का इस्तेमाल कर नीरज को गांव तक बुलाया गया। यह सभी अनसुलझे सवाल हैं। जिनको सुलझाने का काम अब पुलिस के लिए चुनौती है।
बेहद ही सुनसान है नारायणपुर का मार्ग
रुद्रपुर से आठ किलोमीटर दूर नीरज हत्याकांड का स्थान वास्तव में काफी सुनसान मार्ग माना जाता है। स्थानीय लोगों का कहना था कि यह मार्ग शाम होते ही सुनसान हो जाता है और मार्ग पर आवाजाही काफी कम हो जाती है। अंधेरा होते ही पूरा मार्ग अंधकारमय हो जाता है। ऐसे में यदि इस मार्ग पर कोई अप्रिय घटना घटित होती है तो उसका पता भी कई घंटों बाद होता है। यही कारण है कि इस मार्ग पर ज्यादातर लोग आवाजाही से कतराते हैं।
नीरज हत्याकांड प्रकरण में पुलिस ने तीन टीमों का गठन कर दिया है। प्रत्येक टीम मैनुअल व तकनीकी के आधार पर तफ्तीश कर रही है और घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों एवं सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पड़ताल कर रही है। प्रारंभिक पड़ताल में नीरज की हत्या किए जाने की प्रबल संभावना है। कारण मृतक के सिर पर गहरी चोट के निशान हैं और शव स्थल भी हत्या की ओर इशारा कर रहा है। जल्द ही पुलिस हत्याकांड प्रकरण का पर्दाफाश करेगी।
-मणिकांत मिश्रा, एसएसपी, ऊधमसिंह नगर
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