Deepawali 2024: इस दिन मनाई जाएगी दीपावली...शाम 5 बजे के बाद लक्ष्मी पूजन मुहूर्त, प्रदोषकाल व महानिशीथ काल का होगा मिलन
कानपुर, अमृत विचार। दीप उत्सव का पर्व दीपावली 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। प्रदोषकाल और महानिशीथ काल का मिलन होने से दीपावली गुरुवार को ही है। लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त शाम 5 बजे के बाद से है। ज्योतिषाचार्य पं. मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया कि दीपावली का पर्व प्रदोष काल एवं महानिशीथ काल व्यापनी अमावस्या में मनाया जाता है।
प्रदोष काल का महत्व गृहस्थों और व्यापारियों के लिए तथा महानिशीथ काल का उपयोग आगमशास्त्र (तांत्रिक) विधि से पूजन करने वालों के लिए विशेष रहता है। दीपावली महालक्ष्मी की कृपा पाने का शुभ अवसर है। सही मुहूर्त पर पूजा करने से समृद्धि, शांति और कल्याण की प्राप्ति होती है। दीपावली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की प्रदोष व्यापिनी अमावस्या को मनाई जाती है। इस बार अमावस्या 31 अक्टूबर को दिन में 3:53 बजे से प्रारंभ होकर 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी।
प्रदोष काल
शाम 5.18 बजे से लेकर 7.52 बजे तक रहेगा। स्थिर लग्न वृष का समावेश शाम 6 बजकर 7 मिनट से 8 बजकर 3 मिनट तक रहेगा।
अमृत की चौघड़िया
सायं 5.27 बजे से 7.03 बजे तक, इसके बाद चर चौघड़िया की वेला 7 बजकर 3 मिनट से 8 बजकर 40 मिनट तक। इस समायावधि में 1 घंटा 45 मिनट का समय अमावस्या, प्रदोष काल, वृष लग्न और अमृत चौघड़िया का पूर्ण संयोग बनेगा।
महानिशीथ काल
रात्रि 11 बजकर 15 मिनट से रात्रि 12 बजकर 6 मिनट तक रहेगा। इस दौरान अमावस्या और महानिशीथ काल का पूर्ण संयोग रहेगा। रात्रि 12 बजकर 35 से रात्रि 2 बजकर 49 मिनट तक स्थिर सिंह लग्न रहेगी। इसमें अमावस्या और सिंह लग्न का पूर्ण संयोग बनेगा।
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