भीमताल: दीपावली पर हर घर में महकेगी भीमताल के फूलों की खुशबू

भीमताल: दीपावली पर हर घर में महकेगी भीमताल के फूलों की खुशबू

भीमताल, अमृत विचार। दीपावली का त्योहार हो और फूलों का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता। दीपावली के साथ जैसे फूलों का संबंध है, ठीक वैसे ही दीपावली के साथ भीमताल का भी संबंध है। दीपावली पर पूरे प्रदेश में जो फूलों की बिक्री होती है, उसमें 80 प्रतिशत तक भीमताल क्षेत्र की हिस्सेदारी होती है।

इन दिनों भीमताल में पंजाब, बरेली, लखनऊ, देहरादून, रुद्रपुर, हल्द्वानी, हरिद्वार समेत कई नगरों के व्यापारियों के कर्मचारी फूलों को लेकर डेरा डाले हुए हैं। सुबह से लेकर शाम तक कर्मचारी चुन-चुन कर अपने लिए फूल चयनित करते हैं और उसी समय वाहनों में लाद कर ले जाते हैं। यह वे फूल हैं जो गमले में लगाये जाते हैं। स्थानीय फूल व्यापारियों की माने तो प्रदेश में अक्टूबर माह में 80 प्रतिशत कारोबार अकेले भीमताल और आसपास के क्षेत्रों से होता है। 

फूल कारोबारी डॉ. अखिलेश त्यागी के अनुसार भीमताल की जलवायु और वातावरण के कारण सितंबर और अक्टूबर माह में यहां फूलों की अधिकांश प्रजातियां उगती हैं। देश-विदेश में इन फूलों की काफी मांग होती है। इन दोनों पेटूनिया, पैजी, गाजानिया, रैनुकूलूस, परमूला, हजारी समेत अनेक फूलों से पाली हाउस भरे हुए हैं । भीमताल के फूल पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश आदि कई शहरों के बाजारों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। दीपावाली पर हर घर में इन फूलों की खुशबू महकेगी।

अस्थायी पालीहाउस दे रहे रोजगार
फूल कारोबारियों ने भीमताल में कई नाली भूमि को लीज पर लेकर कारोबार शुरू किया है। हजारी और अन्य पौधों का उत्पादन कर यहां से दिल्ली व अन्य प्रदेशों को भेजा जाता है। इस कारोबार में सैकड़ों मजदूरों को रोजगार मिलता है। कारोबारियों का कहना है कि फूल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार को अनुदान देना चाहिए। बेरोजगारों को रोजगार स्थापित करने के लिए तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराना चाहिए, तभी क्षेत्र का विकास हो सकेगा।

रोजगार के अवसर प्रदान करता है फूल कारोबार
भीमताल में वर्तमान में छोटी-बड़ी नर्सरी मिलाकर 80 से अधिक हैं। जहां दिन रात कार्य चलता है। दीपावली का त्योहार होने के कारण दूसरे प्रदेश और नगरों में रहने वाले लोग भीमताल प्रवास में आते हैं। ऐसे में वह भी खासे पौट फ्लावर अपने साथ खरीद कर ले जाते हैं। स्थानीय कारोबारियों की माने तो स्थानीय स्तर पर कई कारोबारी इस कारोबार में उतरे हैं। जिस कारण वे भी खासा मुनाफा कमा रहे हैं। इस कारण भूमि लीज में मिलनी मुश्किल हो रही है। वहीं दूसरी तरफ विभाग के द्वारा इनको मांग के अनूरूप प्रोत्साहित नहीं किए जाने से लोग निराश हैं।

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