बरेली: इसे कहते हैं बिना पानी पिलाए मारना...जिन घरों में पानी का कनेक्शन ही नहीं, उन्हें भी भेजा वाटर टैक्स का बिल

शहर में हजारों लोग नगर निगम की जोर-जबर्दस्ती के पीड़ित

 बरेली: इसे कहते हैं बिना पानी पिलाए मारना...जिन घरों में पानी का कनेक्शन ही नहीं, उन्हें भी भेजा वाटर टैक्स का बिल

 बरेली, अमृत विचार। कई वार्डों में नगर निगम अब तक पानी की सप्लाई का इंतजाम नहीं कर पाया है, लेकिन फिर भी वहां के लोगों को वाटर टैक्स के बिल भेजे जा रहे हैं। वजह यह है कि नगर निगम ने नियम बना दिया है कि अगर घर से पानी की पाइप लाइन सौ मीटर भी दूर है तो वाटर टैक्स देना पड़ेगा। कुछ इलाके ऐसे हैं जहां कुछ समय पहले ही पाइप लाइन डाली गई है, लोगों ने कनेक्शन तक नहीं लिए हैं फिर भी वाटर टैक्स के बिल उनके घर पहुंच गए हैं।

जीआईएस सर्वे के बाद टैक्स बिलों में संशोधन के लिए आई साढ़े आठ हजार से ज्यादा आपत्तियों में काफी संख्या ऐसी आपत्तियों की हैं जिनमें पानी का कनेक्शन लिए बगैर ही बिल में वाटर टैक्स जोड़ देने की बात कही गई है। आलोक नगर में रहने वाले गौरव कहते हैं कि उनके घर में पानी का कनेक्शन नहीं है। वार्ड में जहां उनका घर है, वहां नगर निगम ने पाइप लाइन तक नहीं डाली है। इसके बावजूद उनके बिल वाटर टैक्स लगा दिया गया है। उनके इलाके में ऐसा काफी लोगों के साथ किया गया है।


आजाद नगर में रहने वाले तरुण गुप्ता के मुताबिक करीब ढाई महीने पहले ही इलाके में पाइप लाइन डाली गई है लेकिन बिल में वाटर टैक्स पिछले साल का भी जोड़ दिया गया है। यहीं के हरी प्रसाद कहते हैं कि जब उनके घर में कनेक्शन नहीं है और पाइप लाइन भी सिर्फ ढाई महीने पहले डाली गई है तो कैसे पिछले साल का वाटर टैक्स कैसे बकाया दिखाया जा सकता है। जागृति नगर और नीलाचंल कॉलोनी में तो पाइप लाइन तक नहीं है, फिर भी लोगों को वाटर टैक्स बकाया होने का नोटिस भेज दिया गया है। अब लोग बिल को संशोधित कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं।

जहां पाइप लाइन नहीं वहां लागू न हो वाटर टैक्स

सपा पार्षद राजेश अग्रवाल कहते हैं कि ऐसे इलाकों में वाटर टैक्स लागू नहीं किया जाना चाहिए जहां पाइप लाइन ही नहीं है। ऐसे इलाकों में वाटर टैक्स लागू कर देने से लोगों को बिलों में सुधार के लिए चक्कर काटने पड़ रहे हैं। राजेश अग्रवाल का कहना है कि नगर निगम को ऐसी व्यवस्था भी करनी चाहिए कि लोगों की इस समस्या का निदान उनके ही इलाके में हो जाए। अगर कोई आपत्ति करता है तो रिपोर्ट लगवाने में ही काफी समय गुजर जाता है। इस कारण कई बार लोग सुधार नहीं करा पाते हैं।


नगर निगम के दायरे में आए हाल में टैक्स लगा दिया 10 साल पहले से

सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना ने बताया कि नदौसी, गौंटिया, परसाखेड़ा, सीबीगंज, मथुरापुर, सराय रानी समेत कई गांव कुछ समय पहले ही नगर निगम में शामिल हुएहैं लेकिन इन सभी गांवों के लोगों को 2014 से वाटर टैक्स जोड़कर बिल भेज दिए गए हैं। जब यह गांव नगर निगम की सीमा में आए तभी से इन पर वाटर टैक्स लागू किया जाना चाहिए था। एक साथ दस साल के टैक्स का बकायादार बना दिए जाने से सैकड़ों लोग परेशान हैं। मलिन बस्तियों में भी जोर-जबर्दस्ती की जा रही है। जिन घरों में कनेक्शन नहीं हैं, उन्हें भी वाटर टैक्स का बिल भेजा जा रहा है।


न कनेक्शन कट रहा, न बिल रुक रहे

बरेली: काफी लोग ऐसे हैं जिन्होंने दशकों पहले कनेक्शन लिया था। कुछ समय पहले उन्होंने कनेक्शन कटवाने के लिए नगर निगम में आवेदन किए लेकिन कनेक्शन कटा ही नहीं। इस कारण उन्हें अब भी वाटर टैक्स का बिल भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि कनेक्शन कटवाने की लंबी प्रक्रिया है।