Kanpur के हैलट अस्पताल में इलाज कराने आए मरीज को टरकाया, तीमारदार ने प्रमुख अधीक्षक से की शिकायत
कानपुर, अमृत विचार। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और हैलट अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर करने का काफी प्रयास कर रहे हैं, लेकिन अस्पताल के कुछ कर्मचारी व अधिकारी उनकी इस मेहनत पर पानी फेरने का काम कर रहे है। दरअसल, शनिवार को एक मरीज के पेट से उसके अंग बाहर निकल आए थे, वह अस्पताल पहुंचा, लेकिन उसे नौ तारीख दी गई। इमरजेंसी वह पैदल जा रहा था।
बांदा निवासी रामदीन ने बताया कि उनके आंत में छेद हो गया था, जिसकी वजह से ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद कुछ अंग बाहर निकल आए थे, जिसको अंदर करवाने तीन माह बाद बुलाया गया था, इसलिए वह वह शनिवार को हैलट अस्पताल की ओपीडी गए और उसके बाद इमरजेंसी गए। आरोप है कि जांच कराने के लिए डॉक्टरों ने रेडियोलॉजी कक्ष भेजा, लेकिन वहां पर मरीज को नौ जनवरी की तारीख दी। इसके बाद मरीज पत्नी के साथ पैदल इमरजेंसी की ओर जाने लगा।
उसका अंग पेट से बाहर लटक रहा था और एक पॉलीथिन कमर में भी लटकाए था। जबकि नियम के तहत मरीज के पास पॉलीथिन की जगह एक बैग होना चाहिए था। उसे व्हीलचेयर की मदद से और पेट से जो अंग बाहर की ओर निकला था, उसे संक्रमण से बचाने के लिए जरूरी उपचार होना चाहिए था। हालांकि जब मरीज को ऐसे घूमते हुए एक डॉक्टर ने देखा तो कर्मचारी की मदद से उसे व्हीलचेयर से इमरजेंसी भिजवाया।
इसके बाद हैलट के प्रमुख अधीक्षक डॉ.आरके सिंह को सूचना दी। इसपर प्रमुख अधीक्षक ने तत्काल मामले को संज्ञान लिया और इमरजेंसी में मरीज को दिखवाया और तीमारदार से पूछताछ की। प्रमुख अधीक्षक ने बताया कि मरीज का इमरजेंसी में जरूरी उपचार किया गया, उसके बाद जब भर्ती होने के लिए बोला गया, तो तीमारदार नौ जनवरी बोलने लगे। मरीज को जरूरी उपचार देने के बाद नौ जनवरी को पहले कार्यालय आने के लिए बोला गया है। तब तक मरीज के पेट में जरूरी प्रोसेस भी पूरा हो जाएगा।