होटल हत्याकांड : आगरा में 20 रिश्तेदारों के बयान दर्ज, बदर के खाते पर पुलिस की नजर
लखनऊ, अमृत विचार : चारबाग के रेवड़ी वाली गली स्थित शरनजीत होटल में पत्नी और चार बेटियों की बेटे अरशद संग मिलकर हत्या करने वाले पिता मो. बदर को 96 घंटों से अधिक समय बीतने के बाद भी नाका पुलिस नहीं तलाश कर पाई है। इस मामले में पुलिस अबतक 20 से ज्यादा रिश्तेदारों के बयान दर्ज कर चुकी है। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि प्रदेश के सभी जनपदों को मो. बदर की फोटो भेजी गई है। ताकि बदर को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जा सका। एक पुलिस टीम आगरा में डेरा डाले हुए है। पुलिस ने बदर के नाम पर खोले गए सभी खातों का ब्यौरा जुटाने के बाद बैंक अधिकारियों से संपर्क किया है।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया आगरा से भी पुलिस ने जानकारी हासिल की है। पता चला कि बदर के खाते में सिर्फ 1208 रुपये हैं। दूसरे खातों के बारे में अधिकारी चुप्पी साधे हैं। पुलिस का मानना है कि अगर बदर बैंक से रुपये निकालने की कोशिश करेगा तो तत्काल अलर्ट मिल जाएगा। डीसीपी मध्य रवीना त्यागी ने बताया कि हत्यारोपी अरशद को जेल भेजने के बाद चार पुलिसकर्मियों की एक टीम को आगरा भेजा गया था। पुलिस ने बदर के घर के एक-एक कोने की तलाशी ली थी। लेकिन वहां पुलिस को कुछ भी नहीं मिला। हत्या की वजह खंगालने के लिए दो दिन से आगरा में ठहरी पुलिस टीम अभी तक अरशद के 20 से ज्यादा रिश्तेदारों के बयान दर्ज कर चुकी है। रिश्तेदार उसी बात को दोहराते रहे, जो वे पहले दिन कह रहे थे। रिश्तेदारों ने पुलिस से कहा कि अरशद या उसके पिता बदर को देखकर कभी ऐसा नहीं लगा कि उनके दिल दिमाग में जघन्य हत्याकांड की साजिश चल रही है। वे लोग आपस में लड़ते थे। बहन व मां को किसी से बात नहीं करने देते थे। पुलिस उनके अन्य रिश्तेदारों का पता लगा रही है। ताकि पांच हत्या की ठोस वजह सामने आ सके।
छानबीन में सामने आया है कि आरोपी बदर और उसके बेटे अरशद ने एक-दूसरे से झूठ बोला था। दोनों ने आत्महत्या करने की बात कही थी। हालांकि चारबाग स्टेशन जाने के बाद अरशद लौटकर पुलिस के पास चला गया था। वहीं, बदर वहां से कहीं और चला गया था। आशंका जताई जा रही है कि अरशद ने यह सोचकर सरेंडर कर दिया था कि उसके पिता ने आत्महत्या कर ली होगी। पूछताछ में वह सारा आरोप अपने पिता पर मढ़ देगा। हालांकि, जब उसे पता चला कि पिता बदर ने आत्महत्या नहीं की है तो वह पुलिस को गुमराह करने लगा था।
सीडीआर में मिले सिर्फ कंपनी के नंबर
डीसीपी ने बताया कि आरोपी अरशद और बदर मोबाइल पर भी किसी से बात नहीं करते थे। छानबीन के दौरान कमरे से मिले तीनों मोबाइल नंबरों की पुलिस ने सीडीआर निकलवाई। उससे यह पता चला कि दोनों ही किसी को फोन नहीं करते थे। न ही उनके पास कोई कॉल आती थी। पुलिस को कॉल रिकॉर्ड में जो नंबर मिले हैं, वह टेलीकॉम कंपनी के निकले।
व्हाट्सएप हिस्ट्री रिकवर करने में जुटी साइबर सेल
चार दिनों की जांच में पुलिस को आरोपी अरशद के मोबाइल फोन में भी कोई कॉल नहीं मिली। अब पुलिस ने उसके मोबाइल की व्हाट्सएप हिस्ट्री को रिकवर करने के लिए साइबर क्राइम सेल को लगाया है। पुलिस का मानना है कि व्हाट्सएप हिस्ट्री रिकवर होने के बाद शायद यह साफ हो पाए कि अरशद क्या किसी के संपर्क में था या नहीं।
टोल प्लाजा का फुटेज खंगाली
बदर की तलाश में पुलिस ने लखनऊ से आगरा और लखनऊ से कानपुर के बीच के सभी टोल प्लाजा की सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली है। पुलिस का मानना है कि बदर के मिलने के बाद दोनों के बयानों को चेक किया जाएगा। इसके बाद ही हत्या की असली वजह सामने आएगी।
यह हुई थी घटना
आगरा में कुबेर के इस्लामनगर स्थित तेहड़ी बगिया निवासी मां अस्मा, अल्शिया, रहमीन, अक्शा और आलिया की 31 दिसंबर की देर रात चारबाग स्थित शरनजीत होटल में बेटे अरशद ने पिता बदर के साथ मिलकर हत्या कर दी थी। इसके बाद अरशद ने सरेंडर कर दिया था। वहीं बदर फरार हो गया था।
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