Kanpur: सीएसए में कृषि मेला: 5 फुट की लौकी बनी आकर्षण का केंद्र, लोगों को बताया गया मत्स्य पालन से आमदनी बढ़ाने का रास्ता

Kanpur: सीएसए में कृषि मेला: 5 फुट की लौकी बनी आकर्षण का केंद्र, लोगों को बताया गया मत्स्य पालन से आमदनी बढ़ाने का रास्ता

कानपुर, अमृत विचार। सीएसए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में शुरू हुए किसान मेले में विवि के कन्नौज केंद्र से आई 5 फुट की लौकी आकर्षण का केंद्र रही। कृषि विशेषज्ञ डॉ. अरम सिंह ने बताया कि ‘नरेंद्र शिवानी’ नामक यह लौकी मचान पर उगाने से 7 फुट तक लंबी हो जाती है। इसे हर सीजन में उगाया जा सकता है। मेले में किसानों ने ड्रोन और आधुनिक खेती फॉर्म के मॉडल में भी दिलचस्पी दिखाई।  

सीएसए में 2 दिवसीय किसान मेला एवं कृषि उद्योग प्रदर्शनी की शुरुआत करते हुए मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के महानिदेशक डॉ संजय सिंह ने वैज्ञानिक खेती के लिए शोध और अनुसंधान की जानकारी देते हुए किसानों से उन्नत बीज व खेती अपनाने को कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के हिसाब से जलवायु अनुकूलन प्रजातियां किसान अपनाएं। इससे उनकी आय बढ़ेगी। 

उन्होंने कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के लिए रसायनों के न्यूनतम प्रयोग पर जोर दिया। कार्यक्रम में प्रदेश के प्रगतिशील किसानों का सम्मान हुआ और विश्वविद्यालय परिसर के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को किट देकर पुरस्कृत किया गया। निदेशक प्रसार डॉ आरके यादव, डॉ वीके कनौजिया ने भी विचार रखे। संचालन डॉ अरविंद कुमार ने किया। डॉ सीएल मौर्य, डॉ विजय कुमार यादव, डॉ पीके उपाध्याय, डॉ. मुक्ता गर्ग व कृषक समिति के अध्यक्ष बाबू सिंह उपस्थित रहे। 

हाईटेक हॉर्टिकल्चर मॉडल दिखाया

मेले में सीएसजेएमयू के छात्र-छात्राओं का हाईटेक हॉर्टिकल्चर मॉडल पसंद किया गया। आकाश सिंह, दिव्या तिवारी, निखिल शुक्ला, पलक सक्सेना व सिमरन वत्स के बनाए इस मॉडल में ग्रीन हाउस, ड्रेगन फ्रूट की खेती, मेडीटेशनल गार्डन, सोलर पैनल, जीआईएस जैसी सुविधाओं को दिखाया गया। 

मत्स्य पालन से बनाई ज्वेलरी

मेले में मत्स्य पालन से निकली सामग्री की ज्वेलरी से आमदनी बढ़ाने का रास्ता सुझाया गया। कॉलेज ऑफ फिशरी साइंस एंड रिसर्च सेंटर के छात्र प्रशीक जायसवाल बताया कि इस तरह की खेती सबसे ज्यादा जापान में की जाती है। इसमें मछली पालन के साथ ही तालाब से निकली सीप और मोती की डिजाइनर ज्वेलरी बनाई जाती है। 

बड़े काम का चांद छाप ड्रोन 

मेले में चांद छाप ड्रोन सेवा की किसानों को जानकारी दी गई। गोपाल शर्मा ने बताया कि इस ड्रोन से किसान 300 रुपये प्रति एकड़ का भुगतान कर खेत में रसायन का छिड़काव कराते हैं। ड्रोन 10 मिनट में एक एकड़ खेत पर रसायन छिड़क देता है।

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