दिवाली पर SGPGI को मिला बड़ा तोहफा, मारीजों को होगा इसका सीधा फायदा, CM योगी ने की शुरुआत, जानिए क्या कहा...

दिवाली पर SGPGI को मिला बड़ा तोहफा, मारीजों को होगा इसका सीधा फायदा,  CM योगी ने की शुरुआत, जानिए क्या कहा...

लखनऊ, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश वासियों को बड़ा तोहफा दिया है। जिसका फायदा मरीजों को बड़ा फायद मिला है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में बटन दबाकर 11 सौ 47 करोड़ रुपए से बनी चार परियोजनाओं का उद्घाटन और तीन का शिलान्यास किया। 

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर टेली आईसीयू, एडवांस डायबिटीज सेंटर, सलोनी हार्ट फाउंडेशन के सहयोग से बने बच्चों के हार्ट सेंटर  और कॉलेज आफ टेक्नोलाजी छात्रावास का उद्घाटन भी किया है। जबकि एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर, सलोनी हार्ट सेंटर के सेकेंड फेज और रैन बसेरा का शिलान्यास किया गया। 

इस मौके पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री चिकित्सा शिक्षा मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा, डीन प्रो शालीन कुमार, सीएमएस संजय धीराज, एमएस प्रो वीके पालीवाल, प्रो नारायण प्रसाद, प्रो ज्ञान चंद, अमेरिका के बाल हृदय शल्य चिकित्सक डा वी मोहन रेड्डी मौजूद रहे।  

हर मेडिकल कॉलेज में मिलेगी उत्कृष्ट आईसीयू सुविधा

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पीजीआई में खुले टेली आईसीयू से अभी प्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेजों के जोड़ा गया है। लेकिन आगे चलकर प्रदेश के सभी जिलों के मेडिकल कॉलेजों को इससे जोड़े जाने की योजना है। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान इस कांसेप्ट पर काम किया गया था। कोरोना काल में 36 जिले ऐसे थे जहां सिर्फ एक या दो आईसीयू बेड ही थे।

हर जिले में आईसीयू स्थापित करना था लेकिन प्रशिक्षित मानव संसाधन की बड़ी किल्लत थी, ऐसे समय में  पीजीआई ने टेली आईसीयू की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किया। जब हर जगह से मरीज को निराशा मिलती है तो उसे पीजीआई में बेड की आस होती है, ऐसे में पीजीआई में बहुत ज्यादा लोड होता है तो मरीजों को बेड नहीं मिल पाता, ऐसा होने पर कष्ट होता है। इसलिए सरकार का हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का लक्ष्य है, लेकिन सभी मेडिकल कॉलेजों को टेली आईसीयू से जोड़ने का भी प्रयास है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश में बच्चों से जुड़ी बीमारियों को नजदीक से देखा है। लगातार वह स्वास्थ्य व्यवस्था में बच्चों के लिए सेंटर खोलने के प्रयास कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक काफी बच्चों में जन्म से ही हार्ट से जुड़ी समस्याएं होती हैं, ऐसे में सलोनी फाउंडेशन की मदद से पीजीआई में सलोनी हार्ट सेंटर का प्रथम चरण खोला गया, आगे चलकर इसका और विस्तार होगा, साथ ही एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का भी शिलान्यास किया गया है जो 575 बेडों का होगा और उसमें 22 विभाग रहेंगे।

ऐसे में बच्चों का दुनिया में ये पहला स्वास्थ्य संस्थान बन जाएगा जहां बच्चों का हर तरह का इलाज एक ही संस्थान में होगा। उन्होंने कहा कि पूर्वी उप्र में बच्चों की बीमारी इंसेफेलाइटिस को दूर करने में सरकार ने काफी काम किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने एक छत के नीचे एडवांस डायबिटीज सेंटर में डायबिटीज से जुड़े मरीजों का इलाज, 1072 बेड के रैन बसेरे को भी उत्तर प्रदेश व पीजीआई की बड़ी उपलब्धि बताई।

डायबिटीज के साथ जुड़ी सभी परेशानियों का तुरंत इलाज

निदेशक आरके धीमन ने बताया कि एडवांस डायबिटीज सेंटर 63 करोड़ की लागत से बनाया गया है। इस सेंटर में 40 बेड बनाये गये हैं, अब डायबिटीज के कारण होने वाले किडनी, आंख, डायबिटिक फुट सहित तमाम परेशानी का इलाज एक ही छत के नीचे होगा और तुरंत इलाज शुरू हो जाएगा। निदेशक ने बताया कि 200 बेड के स्टूडेंट के लिए यहां छात्रावास भी बनाया गया है।  

बेटी को खोया तो लिया हार्ट सेंटर खोलने का प्रण

उत्तर प्रदेश में इन्वेस्टर्स समिट से पहले एक टीम अमेरिका भेजी गयी थी जिसने सलोनी फाउंडेशन की मृणालिनी सेठ से बात हुई। मृणालिनी सेठ ने बताया कि उन्होने अपनी बेटी सलोनी को खो दिया था तो उन्होने ये प्रण किया अब दुनिया भर में किसी भी बच्चे को हार्ट सर्जरी में उनकी संस्था मदद करेगी।

यह संस्था जन्मजात दिल की बीमारी से ग्रस्त बच्चों के इलाज के लिए काम कर रही है। पीजीआई में पहले चरण में 36 बेड का पहला फेज शुरू हो चुका है। दूसरा फेज 200 बेड का होगा जिसके लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री के सामने समझौता हुआ है। बताया गया कि यह विश्व का पहला सेंटर होगा जिसमें हृदय रोग से ग्रसित बच्चों का इलाज संभव होगा। साथ ही यह भी बताया गया कि उत्तर प्रदेश में हर साल 75 हजार बच्चे दिल की बीमारी के साथ पैदा होते जिसमें 15 हजार की ही सर्जरी हो पाती है।  

रैन बसेरे में मिलेगा 15 से 20 रूपए में भोजन

मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ दिनों पहले रात में वह पीजीआई आये थे, उन्होने देखा कि कुछ लोग सड़कों पर पड़े थे, यह देखकर उन्हें अच्छा नहीं लगा जिसके बाद उन्होंने भारत सरकार के पेट्रोलियम मंत्री से बात किया और मंत्रालय ने सीएसआर से रैन बसेरा के लिए 51 करोड़ रुपये पीजीआई संस्थान को दिया। यहां पर 1072 बेड का रैन बसेरा बनाया जाएगा जिसमें पार्किंग की भी सुविधा होगी साथ ही कैंटीन में 15-20 रुपए में भरपेट भोजन मिलेगा।

सबकी उम्मीद पूरी करना लक्ष्य

इस मौके पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि एक से 18 वर्ष के 40 फीसदी बच्चे ऐसे होते है जिसमें 20 फीसदी बच्चों को तत्काल इलाज की जरूरत होती है। संस्थान ने बच्चों का एक छत के नीचे इलाज करने का जो संकल्प लिया है वो सराहनीय है। उन्होंने कहा कि हर किसी के लिए मानव जीवन को बचाना ही सबसे बड़ी प्रमुखता होनी चाहिए। प्रदेश के लोग पीजीआई की तरफ बहुत उम्मीद से देखते है सभी उम्मीद पूरी करना सरकार का लक्ष्य है। वहीं राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि यहाँ पर पूरी दुनिया में सबसे बड़ा पीडियाट्रिक हार्ट सेंटर होगा, इसके लिए उन्होंने सलोनी हार्ट फाउंडेशन का आभार प्रकट किया।

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