मौलिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे कर्मचारी : उन्नाव पहुंची संदेश यात्रा

मांगे नहीं मानी गईं, तो इस दिन से शुरू होगा आंदोलन

मौलिक अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे कर्मचारी : उन्नाव पहुंची संदेश यात्रा

लखनऊ, अमृत विचार। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर कर्मचारी संदेश यात्रा जारी है। कर्मचारी अपने मौलिक अधिकारों को लेकर आरपार की लड़ाई का मन बना चुके हैं। यही वजह है कि कर्मचारियों को एकजुट करने के उद्देश्य से बुधवार को कर्मचारी संदेश यात्रा उन्नाव पहुंची है।

अधिशाषी अधिकारी

प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र के नेतृत्व में कर्मचारी संदेश यात्रा नगरपालिका परिषद, उन्नाव पहुंची। इस दौरान अवधक्षेत्र के अध्यक्ष राम कुमार रावत, उपाध्यक्ष मो.हनीफ, संजय चन्द्रा, कानपुर से महासंघ के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत मिश्र, बुंदेलखंड के क्षेत्रीय मंत्री नरेन्द्र खन्ना,  प्रदेश उपाध्यक्ष मुन्ना हजारिया समेत कई कर्मचारी नेता मौजूद रहे।

दरअसल, निकाय कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत हैं, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है। यही वजह है कि कर्मचारी संघ ने इसी माह में आंदोलन का ऐलान कर रखा है, लेकिन तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री एके शर्मा से उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का समय रहते निर्णय कराएं जाने का अनुरोध किया था। जिस पर मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आंदोलन की तारीख से पहले बैठक करने का आश्वासन दिया है, लेकिन कर्मचारी महासंघ ने अपना रुख साफ कर रखा है कि यदि बैठक के बाद भी बात नहीं बनी तो आंदोलन निश्चित है। 26 अक्टूबर से आंदोलन की तैयारी कर्मचारी संघ ने कर ली है।

कर्मचारी उन्नाव

प्रदेश अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने बताया है कि कर्मचारियों की कई मांगें हैं। जिनमें उनके मौलिक अधिकार, सेवा संबंधी समस्या,अकेन्द्रियत सेवा नियमावली, दैनिक वेतन, संविदा, तदर्थ कर्मचारियों का विनियमतीकरण, लिपिक, राजस्व, सफाई, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पदोन्नति, कैशलेस इलाज व्यवस्था, आऊटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा, पद के अनुरूप वेतन, भत्ते, बीमा, खाली पड़े पदो पर नियमित नियुक्ति आदि मांगें शामिल हैं। इन मांगों को लेकर महासंघ ने कई आंदोलन किये, सरकार को पत्राचार के जरिये भी कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत कराया गया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब पूरी तरह से काम बंद कर ही कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान होगा।

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