लखनऊ: कल से 'शैल उत्सव', कला प्रेमियों को करेगा आकर्षित, AKTU में लगेगा शिविर

पांच राज्यों के 10 मूर्तिकार व छह सहयोगी कलाकार होंगे शामिल

लखनऊ: कल से 'शैल उत्सव', कला प्रेमियों को करेगा आकर्षित,  AKTU में लगेगा शिविर

लखनऊ, अमृत विचार। आठ दिवसीय शैल उत्सव अखिल भारतीय समकालीन मूर्तिकला शिविर की सोमवार से शुरुआत होगी। यह शिविर शहर के सौंदर्यीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साथ ही कला प्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से व वास्तुकला एवं योजना संकाय के संयुक्त तत्वावधान में 14 से 21 अक्टूबर तक शैल उत्सव अखिल भारतीय मूर्तिकला शिविर डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के वास्तुकला एवं योजना संकाय में आयोजित होगा।

इसका उदघाटन मुख्य अतिथि वरिष्ठ मूर्तिकार पांडेय राजीवनयन (अधिष्ठाता, ललित कला एवं प्रदर्शन कला संकाय, डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रिय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ) करेंगे। शिविर के क्यूरेटर डॉ वंदना सहगल ने बताया कि शैल-उत्सव यानि पत्थर की बनी कलाकृतियों का उत्सव। इसका उद्देश्य मूर्तिकला की पारंपरिक व समकालीन कला को आमजन के करीब लाना है।

कोऑर्डिनेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने शिविर में पांच राज्यों के मूर्तिकार आएंगे। इसमें उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरीश पांडेय, अजय कुमार, मुकेश वर्मा व अवधेश कुमार, बिहार के पटना से पंकज कुमार, नई दिल्ली से शैलेष मोहन ओझा, राजेश कुमार व सन्तोष कुमार चौबे, गुजरात के सूरत से अवनी पटेल व अहमदाबाद से निधी सभाया और छह सहयोगी कलाकार राजस्थान से आएंगे।

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