कानपुर देहात के बहुचर्चित बलवंत सिंह हत्याकांड में आया फैसला: तत्कालीन शिवली कोतवाल और मैथा चौकी इंचार्ज दोषी करार

कानपुर देहात के बहुचर्चित बलवंत सिंह हत्याकांड में आया फैसला: तत्कालीन शिवली कोतवाल और मैथा चौकी इंचार्ज दोषी करार

कानपुर देहात, अमृत विचार। बहुचर्चित बलवंत सिंह हत्याकांड में अदालत ने शनिवार को आरोपी तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह और तत्कालीन मैथा चौकी प्रभारी ज्ञानप्रकाश पांडेय को गैर इरादतन हत्या में दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर अब 24 अक्टूबर को सुनवाई होगी। वहीं, तत्कालीन एसओजी प्रभारी समेत छह आरोपी पुलिस कर्मियों को न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया है।

शिवली कोतवाली क्षेत्र के सरैया लालपुर शिवराजपुर निवासी अंगद सिंह ने रनिया थाने में अपने भतीजे बलवंत सिंह की 12 दिसंबर 2022 को पुलिस अभिरक्षा में बेरहमी से पिटाई कर हत्या करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। इस मामले में तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशांत गौतम, तत्कालीन शिवली कोतवाल राजेश कुमार, मैथा चौकी इंचार्ज ज्ञानप्रकाश पांडेय समेत 8 पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। 

एसआईटी की विवेचना में हत्या की धारा हटाकर गैर इरादतन हत्या के आरोप में न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गई थी। इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पंचम पूनम सिंह की अदालत में चल रही थी। वादी पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि शनिवार को अदालत ने तत्कालीन शिवली कोतवाल राजेश सिंह व तत्कालीन मैथा चौकी इंचार्ज को दोषी करार दिया है। सजा के बिंदु पर अदालत 24 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। दोष सिद्ध होने के बाद अदालत ने दोनों आरोपी पुलिस कर्मियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।

हाईकोर्ट में अपील करेगा वादी पक्ष

वादी पक्ष के अधिवक्ता जितेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि इस मामले में सभी आरोपियों के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य हैं। न्यायालय ने किस आधार पर आरोपियों को दोष मुक्त किया है और कम अपराध के आरोप में दो आरोपियों को दोषी माना है, इस संबंध में कोर्ट का आदेश देखने के बाद ही कोई टिप्पणी कर पाएंगे। वहीं, इस मामले के वादी अंगद सिंह ने निर्णय पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि वह उच्च न्यायालय में अपील करेंगे।

अभियोजन की ओर से पेश किए गए थे 8 गवाह

सहायक शासकीय अधिवक्ता संतोष कुमार कटियार ने बताया कि इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से वादी अंगद सिंह सहित बलवीर सिंह, गुड्डू उर्फ राघवेंद्र सिंह, रामजी, जिला अस्पताल के डॉक्टर निशांत पाठक, पोस्टमार्टम पैनल के डॉक्टर दीपेंद्र उत्तम, प्रथम विवेचक शैलेंद्र कुमार मिश्रा और मुख्य विवेचक शिवप्रताप सिंह की कोर्ट में गवाही कराई गई थी।

दो आरोपियों की नि:शुल्क पैरवी

दोष मुक्त हुए आरोपी प्रशांत पांडेय और सोनू यादव की ओर से नि:शुल्क पैरवी कर रहे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चीफ डिफेंस काउंसिल संजय कुमार शुक्ला ने अदालत के फैसले पर संतुष्टि जाहिर करते हुए कहा कि अदालत ने बचाव पक्ष के तर्कों और पत्रावली में उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर निर्दोष व्यक्तियों को दोष मुक्त होने का फैसला सुनाया है, जो बहुत ही सराहनीय है।

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