गुजरात के कोटेश्वर में गैर कानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई, एनजीटी ने जारी किया नोटिस 

गुजरात के कोटेश्वर में गैर कानूनी तरीके से पेड़ों की कटाई, एनजीटी ने जारी किया नोटिस 

नई दिल्ली। गुजरात के कोटेश्वर में कथित तौर पर अवैध तरीके से पेड़ों की कटाई पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने गुजरात के क्षेत्रीय वन कार्यालय और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। हरित निकाय ने मीडिया में आई खबर का स्वत: संज्ञान लिया जिसमें अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच स्थिति कोटेश्वर के 77 हेक्टेयर में फैले वन पर कथित खतरे की जानकारी दी गई थी। 

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की पीठ ने कहा, ‘‘खबर के अनुसार, इस वन में वनस्पतियों और जीवों की 700 से अधिक प्रजातियों का वास है, जिनमें कुछ लुप्तप्राय प्रजातियां भी शामिल हैं। यह क्षेत्र जिसे शहर के पास अंतिम वन्यजीव आश्रय माना जाता है, लेकिन वन कटाई के जारी रहने और शहरी अतिक्रमण से खतरे में है क्योंकि इसे साबरमती रिवर फ्रंट विस्तार योजना के हिस्से के रूप में जैव विविधता पार्क में बदलने की योजना बनाई गई है।’’ पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरूण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद और ए सेंथिल वेल भी शामिल थे। 

पीठ ने कहा कि खबर में पर्यावरण नियमों के अनुपालन के बारे में ‘‘महत्वपूर्ण मुद्दे’’ उठाए गए हैं। पीठ ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के गुजरात क्षेत्रीय कार्यालय, राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक और कच्छ के जिलाधिकार को पक्षकार या प्रतिवादी बनाया है। अधिकरण ने कहा, ‘‘उपर्युक्त प्रतिवादियों को अगली सुनवाई की तारीख (18 नवंबर) से कम से कम एक सप्ताह पहले अधिकरण की पश्चिमी क्षेत्रीय पीठ के समक्ष हलफनामे के माध्यम से अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया जाए।’’ 

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