चोरगलिया: मुझे और मेरे स्वर्गवासी पति को न्याय न मिला तो कर लूंगी आत्मदाह
चोरगलिया, अमृत विचार। छेड़छाड़ के मामले में सुनवाई न करने और उल्टा पीड़ित से अभद्रता करने के बाद एक युवक ने जहर खाकर जान दे दी थी। इस मामले में मुख्यमंत्री पोर्टल और एसपी तक फरियाद कर हारी महिला ने अब पुलिस को आत्मदाह की चेतावनी दी है। महिला ने चोरगलिया पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
गौलापार निवासी नीतू शर्मा ने बताया कि एक बैंक मैनेजर ने मेरी बैंक के पासबुक से नंबर लेकर मुझे कॉल और मैसेज किए। मैसेज पति गिरीश ने देखे तो नीतू को डांटा। नीतू ने गिरीश को हकीकत बताई और मैनेजर का नंबर उन्हें दे दिया। इसको लेकर मैनेजर और पति के बीच गाली-गलौज हुई।
कुंवरपुर चौकी में दोनों पक्षों को बुला कर पुलिस ने चालानी कार्रवाई की। इसके बाद भी बैंक मैनेजर नहीं सुधरा। वह लगातार मैसेज और फोन करता रहा। बैंक मैनेजर ने गिरीश को एससी/एसटी एक्ट में फंसाने की धमकी दी। गिरीश शिकायत लेकर चोरगलिया थाना पहुंचे। थाने में मिले सिपाही ने पति से अभद्र भाषा में बात की और पीटने की धमकी देते हुए भगा दिया। गिरीश घर पहुंचे और बताया कि थाने में सुनवाई नहीं हो रही है। पुलिस वाले भी हमें ही गलत बता रहे हैं। इससे आहत गिरीश ने जहर खा लिया और उनकी मौत हो गई।
छह अक्टूबर को पीड़िता अपने जेठ और ग्राम प्रधान के साथ थाने गई। पुलिस ने प्रार्थना पत्र तो ले लिया, लेकिन रिसीविंग नहीं दी। थाने में मिली एक एसआई ने पीड़िता से घटना के बारे में भी पूछा। जिसके बाद पीड़िता ने मुख्यमंत्री पोर्टल में भी शिकायत की। एसपी कार्यालय में भी प्रार्थना पत्र दिया। प्रार्थना पत्र देकर वह घर पहुंची तो सास-ससुर ने बताया कि चोरगलिया थाने से पुलिस आई थी। पुलिस ने सास-ससुर को धमकाया कि झूठा मुकदमा लिखा रहे हो।
जिसके बाद 11 अक्टूबर को नीतू ने एकल विंडो में प्रार्थना पत्र दिया। जिसमें लिखा कि मैं अब चोरगलिया थाने से कोई कार्रवाई नहीं चाहती। किसी और थाने व उच्च अधिकारी से जांच कराई जाए। अगर फिर भी मुझे और मेरे पति को न्याय नहीं मिला तो मैं आत्मदाह कर लूंगी।
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