कृषि विश्वविद्यालय का 50वें स्थापना दिवस : जरूरतों को ध्यान में रख जरूर करें शोध कार्य

कृषि विश्वविद्यालय का 50वें स्थापना दिवस : जरूरतों को ध्यान में रख जरूर करें शोध कार्य

कुमारगंज, अयोध्या। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का 50वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गया। महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विदेशी छात्र-छात्राओं ने जमकर जलवा बिखेरा। मुख्य अतिथि कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल के अध्यक्ष डाॅ. संजय कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय वर्तमान समय में तेजी के साथ विकास कर रहा है तो इसमें आप सभी का योगदान है। कहा कि देश को आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने में कृषि जगत ने एक अलग पहचान बनाई है।

कोविड के दौरान 140 करोड़ लोगों तक अनाज पहुंचाने के साथ-साथ विदेशों में भी अनाज निर्यात किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों और समाज की जरूरतों को ध्यान में रखकर वैज्ञानिकों को शोध कार्य करना होगा। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल के निदेशक एवं कुलपति डाॅ. धीर सिंह ने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव विलक्षण प्रतिभा एवं व्यक्तिव के धनी थे। कहा कि छात्रों को सरकारी नौकरी के पीछे नहीं पड़कर उद्यमिता की ओर ध्यान देने की जरूरत है। कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि आचार्य नरेंद्र देव एक महान शिक्षाविद, साहित्यकार और स्वतंत्रता सेनानी थे। कुलपति ने कहा कि कहा कि यह पूरा वर्ष विवि के लिए उपलब्धियों से भरा रहा। बताया कि धान की दो उन्नत किस्म काला नमक प्रजाति काला नमक-1 पूसा नरेंद्र सीआरडी विकसित की गई है।

राज्यस्तरीय युवा महोत्सव में कुल 19 पदक जीतकर विश्ववद्यालय राज्य में दूसरे स्थान पर रहा। कुलपति ने सभी अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंटकर सम्मानित किया। परंपरागत खेलकूद प्रतियोगिता के विजेता प्रतिभागियों को भी अतिथियों ने सम्मानित किया। छात्र कल्याण अधिष्ठाता डाॅ डी.नियोगी ने विश्वविद्यालय की रूपरेखा को सबके समक्ष रखा। कृषि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डाॅ प्रतिभा सिंह के संयोजन में कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्वागत संबोधन डाॅ प्रतिभा सिंह एवं  संचालन डाॅ सुप्रिया ने किया। 

स्थापना दिवस पर सम्मानित होने वाले शिक्षक व कर्मचारी 

डाॅ. वीके पाल, डाॅ. पीयूषा सिंह, डाॅ. राधाकृष्णन, डाॅ. आस्तिक झा, डॉ.जेबा, डाॅ. विजय कुमार सिंह, राकेश सिंह, संजय सिंह, विजय कुमार, राकेश सिंह, पूनम, प्रतिमा, सुमन, जयप्रकाश, रामपाल, ओमप्रकाश, रामजी, शैलेंद्र, निखिल श्रीवास्तव, उमेश, कमल किशोर, श्याम लाल, अमर बहादुर, वीरेंद्र, राघवेंद्र, जगराम किशन मौर्य, आशीष श्रीवास्तव, विनोद, तनवीर, शाजिद अली, उमापति, वीरेंद्र, जयप्रकाश, रामनीरज को सम्मानित किया गया।