अयोध्या : संतों के एक हाथ में माला तो दूसरे में होता है कुछ और: दिनेश शर्मा

साकेत महाविद्यालय में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 

अयोध्या : संतों के एक हाथ में माला तो दूसरे में होता है कुछ और: दिनेश शर्मा

अयोध्या, अमृत विचार : उत्तर प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा के बड़े-बड़े नेता योगी को लेकर संतों पर टिप्पणी कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि जहां संत हैं वहीं बसंत है। अगर संतों के एक हाथ में माला है तो दूसरे हाथ में कुछ और भी रहता है।

संत हिंसक नहीं हो सकता है और ना ही सनातन परंपरा में हिंसा का कोई रोल है, लेकिन संतों पर बार-बार हो रही टिप्पणियां उचित नहीं है। ऐसे लोग संतों को उकसाने से बाज आएं। सनातन धर्म पर भी एक बोलने की सीमा है। सपाई ज्यादा अतिक्रमण न करें तो अच्छा होगा। राज्यसभा सदस्य डॉ. दिनेश शर्मा साकेत महाविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। 

इससे पहले भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद और अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के संयुक्त तत्वावधान में साकेत महाविद्यालय के सभागार में भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि इतिहास के साक्ष्य से ही राम मंदिर निर्माण सुनिश्चित हुआ है। पहले दिन कार्यक्रम में 10 प्रान्तों से आये 200 इतिहासकार शामिल हुए। आयोजन समिति के सचिव और राजा मोहन गर्ल्स पीजी कॉलेज की प्रो. डॉक्टर प्रज्ञा मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से भारतीय परंपरा को लोगों में जागृत करना और उनमें इतिहास वेद पुराण उपनिषद पर्यावरण सभी के प्रति ऐसे भाव को जागृत करना कि वह अपने पुरातन संस्कृति और परंपरा को जान सके। कार्यक्रम में पूरे भारत से 200 से अधिक इतिहासकार आए हैं।

इसमें मुख्य रूप से केके मोहम्मद साहब आए हैं जो कि राम जन्मभूमि में प्राप्त अवशेषों की उन्होंने पुर्नव्याख्या की थी और इस आधार पर सिद्ध किया गया कि यहां पर राम का मंदिर था। कार्यक्रम के दौरान हनुमत सदन के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण, डॉ. बालमुकुंद पांडे, केके मोहम्मद, प्रो. अरविंद जामखेड़कर पूर्व अध्यक्ष भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद, प्रो. आनंद शंकर सिंह प्राचार्य ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज एवं सदस्य भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद शिक्षा मंत्रालय, प्रो. ईश्वर चरण विश्वकर्मा उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा आयोग पूर्व अध्यक्ष एवं डॉ ओम जी उपाध्याय सदस्य सचिव, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार सहित अन्य कार्यक्रम में शामिल हुए।