औरैया: 5 वर्ष पहले फांसी की सजा पाए हत्यारे की सजा उम्रकैद में बदली, घर में घुसकर किशोरी की गोली मारकर की थी हत्या 

थाना एरवा कटरा के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर दोबारा सुनवाई हुई थी 

औरैया: 5 वर्ष पहले फांसी की सजा पाए हत्यारे की सजा उम्रकैद में बदली, घर में घुसकर किशोरी की गोली मारकर की थी हत्या 

औरैया, अमृत विचार। जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार ने थाना एरवा कटरा क्षेत्र के ग्राम ऐरवा टीकुर में करीब 10 वर्ष पहले घर में घुसकर किशोरी की तमंचे से गोली मारकर हत्या करने की दुस्साहसिक वारदात करने वाले अजय कुमार को आजीवन कारावास सजा से दंडित किया है। इस हत्यारे को 2019 में तत्कालीन जिला जज ने फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की पुन: सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट आजीवन कारावास के अलावा दोषी पर 65 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया गया।

उक्त मामले की अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने बताया ऐरवा टीकुर निवासी रामप्रताप अवस्थी ने 10 अक्टूबर 2014 को यह मुकदमा थाना ऐरवा कटरा में दर्ज कराया। वादी ने बताया कि 10 अक्टूबर 2014 की शाम वह अपने घर में था। उसकी 14 वर्षीया पुत्री निशा आंगन में पढ़ रही थी। उसी समय पड़ोसी अजय कुमार पुत्र रामनरेश कोरी घर में घुस आया और देखते ही उसकी पुत्री के सीने में तमंचा से गोली मार दी।

फायर की आवाज सुनकर मोहल्ले के लोग भी आ गए। सबने मिलकर पकड़ने की कोशिश की तो आरोपी तमंचा, कारतूस छोड़कर भागने लगा। इसी बीच आरोपी के परिजन आ गए व उन्होंने उसे भागने में सहयोग किया। वादी के अनुसार अभियुक्त अजय कुमार अक्सर उसकी पुत्री को स्कूल आते-जाते परेशान करता था और उसे भी धमकी देता था। वादी की तहरीर पर  पुलिस ने विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में प्रस्तुत की। यह मुकदमा सत्र न्यायालय में चला।

पहले आरोपी को फांसी हुई थी
गौरतलब बात यह है कि इस हत्या के मुकदमे का निर्णय अप्रैल 2019 को तत्कालीन जिला जज सुशील त्यागी ने किया था और कोर्ट ने अभियुक्त अजय कुमार को फांसी की सजा दी थी। बाद में अभियुक्त ने इस निर्णय के विरोध में अपील इलाहाबाद उच्च न्यायालय में की। जिसमें यह तर्क दिया गया कि इस मामले के दो गवाहों से जिरह नही हो पाई थी। जिस पर हाईकोर्ट ने फांसी की सजा स्थगित कर दोबारा इस मामले को विचारण हेतु सत्र न्यायालय औरैया को वापस को भेज दिया और दोनों गवाहों की जिरह कराने का आदेश दिया। इस पर यह मुकदमा दोबारा सत्र न्यायालय औरैया में चला। बचाव पक्ष की ओर से चीफ लीगल एण्ड डिफेंस काउंसिल जितेंद्र सिंह तोमर व अभियोजन की ओर से डीजीसी अभिषेक मिश्रा ने मामले में बहस की। 

दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार ने गुरुवार को निर्णय सुनाया तथा अभियुक्त अजय कुमार को आजीवन कारावास व 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा से दंडित किया। इस तरह अभियुक्त की फांसी की सजा आजीवन कारावास में परिवर्तित हो गई। अर्थदंड अदा न करने पर अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। बचाव पक्ष के वकील ने यह दलील भी दी कि अभियुक्त के माता पिता तथा पत्नी का भरण पोषण करने वाला कोई नहीं है। दोषी को जिला कारागार इटावा भेज दिया गया।

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