IIT Kanpur में PhD स्टूडेंट ने की आत्महत्या: सुसाइड नोट बरामद, इसका किया जिक्र...

IIT Kanpur में PhD स्टूडेंट ने की आत्महत्या: सुसाइड नोट बरामद, इसका किया जिक्र...

कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर की पीएचडी स्टूडेंट ने हॉस्टल में आत्महत्या कर ली। वह अर्थ साइंड से पीएचडी फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही थी। मृतका चकेरी थानाक्षेत्र के सनिग्वां के सजारी की रहने वाले गोविंद खारया की बेटी प्रगति खरया (28) थी। मौके से सुसाइड नोट मिला है। जिसमें किसी को भी मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया है। सूचना पाकर घटनास्थल पर कल्याणपुर थाने की पुलिस व फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। फोरेंसिक टीम ने मौके से साक्ष्य जुटाए।

आईआईटी कानपुर छात्रा सुसाइड 11 (1)

(पोस्टमार्टम हाउस में रोते बिलखते पिता व परिजन)

सुसाइड नोट में लिखा...

पीएचडी छात्रा प्रगति ने मरने से पहले एक सुसाइड नोट लिखा। जिसमें उसने लिखा कि मैं अपनी मौत की खुद जिम्मेदार हूं, इसमें किसी का कोई दोष नहीं। अपने दोस्तों के लिए लिखा आप लोगों में मुझे बहुत कॉपरेट किया, थैंक्स। 

हॉस्टल में रहकर कर रही थी पढ़ाई

मूलरूप से उरई के रहने वाले वर्तमान में चकेरी थानाक्षेत्र के सनिगवां सजारी के रहने वाले गोविंद खरया लाला पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स में स्टॉक मैनेजर के पद पर तैनात है। लाला पुरुषोत्तम दास ज्वैलर्स शहर में नामी सुनारों की दुकान में माना जाता है। शहर में घर हाेने के बावजूद वह हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी। गुरुवार सुबह कमरा नहीं खुलने पर साथियों ने जानकारी दी। इस पर कमरे का दरवाजा तोड़कर अंदर दाखिल हुए। तब प्रगति का शव फंदे से लटका मिला। प्रगति के शव को फंदे से लटका देख छात्र-छात्राओं में हड़कंप मच गया। घटना की जानकारी मिलते ही पोस्टमार्टम हाउस में मृतका के पिता व अन्य परिजन भी पहुंचे। 

पोस्टमार्टम हाउस में बिलखते रहे परिजन

प्रगति तीन भाइयों में अकेली बहन थी। बड़ा भाई सत्यम एचडीएफसी बैंक में जॉब करते हैं। वही, दूसरा भाई एनटीपीसी में इंजीनियर है। तीसरा बेटा सुंदरम इंफोसिस कंपनी में इंजीनियर है। पिता गोविंद, मां संगीता, ताऊ गोपालदास समेत अन्य परिवार के लोग पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। पोस्टमार्टम हाउस में बेटी का शव देखते ही बिलखने लगे। रो-रोकर पिता गोविंद कहते रहे कि बेटी बहुत सहयोग करती थी। बेटी ने अभी घर बनवाने में भी पैसे दिए थे। 

प्रगति बचपन से ही पढ़ने में होशियार थी

मृतका प्रगति के पिता गोविंद ने बताया कि बेटी प्रगति बचपन से ही होशियार थी। उसने दिल्ली के हंसराज कॉलेज से बीएससी, झांसी के बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से एमएससी की। अब आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही थी। पिता बार-बार रो-रोकर कहते रहे कि बेटी ने ऐसा कदम क्यों उठाया। वह शुरुआत से ही बहादुर थी। वह हर बात अपने बड़े भाई सत्यम को बताती थी

आईआईटी कानपुर में ये लोग भी कर चुके सुसाइड

1- झारखंड के दुमका की रहने वाली प्रियंका जायसवाल ने 29 दिसंबर को सुसाइड कर लिया था। वह केमिकल इंजीनियरिंग से पीएचडी कर रही थी।

2- आईआईटी कानपुर में उड़ीसा निवासी फैकल्टी सदस्य पल्लवी चिल्का ने भी आत्महत्या कर ली थी।

3- बीते जनवरी माह 2024 में पीएचडी छात्र विकास मीणा ने भी फांसी लगाकर जान दे दी थी।

4- 2022 में वाराणसी निवासी पीएचडी छात्र प्रशांत सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

5- 2021 में संस्थान में असिस्टेंट रजिस्ट्रार सुरजीत दास ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

6- 2020 में आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर प्रमोद सुब्रमण्यन ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी।

7- 2019 में सिक्योरिटी गार्ड आलोक श्रीवास्तव ने फांसी लगाकर जान दे दी थी।

8- 2018 में फिरोजाबाद निवासी पीएचडी छात्र भीम सिंह ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। 

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