Prayagraj News : महाकुंभ में गत वर्षो के आवंटन के आधार पर समान भूमि हेतु दावा स्वीकार्य नहीं

Prayagraj News : महाकुंभ में गत वर्षो के आवंटन के आधार पर समान भूमि हेतु दावा स्वीकार्य नहीं

अमृत विचार, प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाकुंभ मेला क्षेत्र में भूमि आवंटन से संबंधित मामले पर विचार करते हुए कहा कि निश्चित रूप से इस वर्ष आयोजित किया जा रहा महाकुंभ मेला पूर्व आयोजित कुंभ मेलों से विशेष और अलग होगा, क्योंकि कुंभ मेले का विस्तार हर साल बढ़ता जा रहा है। महाकुंभ होने के नाते राज्य के अधिकारी स्थापित नीति के अनुसार विभिन्न संस्थाओं और संगठनों को भूमि आवंटित करने में बहुत सावधानी बरत रहे हैं।

ऐसे में कोई भी विशेष संगठन केवल किसी विशेष भूमि के आवंटन के लिए इस आधार पर दावा नहीं कर सकता है कि उसे उक्त भूमि पिछले साल भी आवंटित की गई थी। उक्त आदेश न्यायमूर्ति शेखर बी सराफ और न्यायमूर्ति नंदप्रभा शुक्ला की खंडपीठ ने योग सत्संग समिति के निदेशक के माध्यम से दाखिल याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया, साथ ही याची को संबंधित प्राधिकारियों के समक्ष नया अभ्यावेदन दाखिल करने की स्वतंत्रता प्रदान की और प्राधिकारियों को निर्देश दिया कि वे याची के आवेदन पर तर्कसंगत आदेश पारित करें और उनकी पसंद के स्थान के निकट उन्हें समायोजित करने का प्रयास करें।

दरअसल याची ने महाकुंभ मेले के दौरान त्रिवेणी और मुक्ति मार्ग के जंक्शन पर भूमि आवंटन के लिए हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल की। याची का दावा है कि वर्ष 2001, 2007 और 2013 में आयोजित होने वाले कुंभ मेलों में उसे उपरोक्त भूमि आवंटित की गई थी। संबंधित अधिकारियों के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची द्वारा मांगी गई भूमि शंकराचार्यों, महामंडलेश्वरों और अन्य अखाड़ों को आवंटित किए जाने की प्रक्रिया में है। अंत में कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि महाकुंभ मेला क्षेत्र में किसी विशेष भूमि को सिर्फ इस आधार पर किसी को आवंटित करना उचित नहीं है कि गत वर्षों में भी उन्हें वही भूमि आवंटित की गई थी।

यह भी पढ़ें-Prayagraj News : अनुकंपा नियुक्ति हेतु आवेदन करने में हुए विलंब पर नियुक्ति प्राधिकारी को निर्णय लेने का अधिकार नहीं