कासगंज: मोहिनी हत्याकांड...आरोपियों की पेशी पर कोर्ट छावनी में तब्दील, जानिए एक और बढ़ी अपडेट

सुरक्षा के घेरे में रहा न्यायालय परिसर, रिमांड पर पहुंचे अधिवक्ता

कासगंज: मोहिनी हत्याकांड...आरोपियों की पेशी पर कोर्ट छावनी में तब्दील, जानिए एक और बढ़ी अपडेट

कासगंज, अमृत विचार। अधिवक्ता हत्याकांड को लेकर शनिवार को न्यायालय में आरोपी अधिवक्ताओं की पेशी हुई। जिला जेल में निरुध पांच अधिवक्ता और एक विधि छात्र न्यायालय में पेश किए गए। सीजेएम न्यायालय में काफी देर तक सुनवाई होने के बाद न्यायालय ने फैसला शाम तक गोपनीय रखा। देर शाम तक आदेश नहीं आ सका था। इसलिए स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है कि कब तक की रिमांड बढ़ाई गई है या अन्य कोई निर्णय लिया गया है। दूसरी तरफ इधर फरार चल रहे दो आरोपियों पर ईनाम की धनराशि बढ़ा दी गई है। 

शनिवार को मुख्य द्वार से लेकर न्यायालय परिसर पुलिस के घेरे में दिखाई देने लगा। लोग यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि इतना पुलिस बल क्यों तैनात किया गया है। बाद में पता चला कि इस घटना के नामजद आरोपी मुस्तफा कामिल, हैदर, असद, सलमान, मुनाजिर और केशव मिश्रा को न्यायालय में रिमांड तारीख के लिए पेश किया जाना है। दोपहर बाद आरोपी अधिवक्ता और विधि छात्र को न्यायालय में पेश किया गया। जिला जेल से सुरक्षा के बीच न्यायालय में सभी आरोपी भेजे गए। यहां मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में सुनवाई हुई। अधिवक्ताओं ने अपना पक्ष भी रखा। 

होती रही चर्चा 
न्यायालय परिसर में आरोपी अधिवक्ता और एक अन्य अधिवक्ता के बीच कहासुनी की भी चर्चा होती रही। बताया गया है कि यह कहासुनी पुलिस के सामने हुई है। प्रत्यक्षदर्शी कुछ अधिवक्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एक आरोपी अधिवक्ता ने अपनी मर्यादा को भी तोड़ने का प्रयास किया।

आखिर कब तक पर्दे के पीछे छुपी रहेगी रिपोर्ट 
डीएनए जांच के लिए नमूना प्रयोगशाला भेज दिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार उसकी रिपोर्ट भी मिल चुकी है, लेकिन पुलिस अभी तक पीड़ित परिवार को भी नहीं बता रही है और कुछ स्थिति भी स्पष्ट नहीं कर रही है कि डीएनए रिपोर्ट में क्या सच्चाई है। वहीं मृतका के पति ने मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन किया है। जिम्मेदार मृत्यु प्रमाण पत्र भी जारी नहीं कर रहे हैं। पति का कहना है कि उसे अपनी पत्नी के मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, लेकिन टालमटोल की जा रही है। विधि के विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक डीएनए रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट नहीं होगी तब तक शायद प्रशासन मृत्यु प्रमाण पत्र भी नहीं देगा।

जानिए क्या बोले पुलिस अधिकारी
एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि फरार चल रहे 25-25 हजार रुपये के इनामी अपराधियों पर इनाम की धनराशि बढ़ा दी गई है। उनके नाम की राशि 50-50 हजार रुपये कर दी गई है। जल्द ही इन दोनों की गिरफ्तारी कर ली जाएगी। पुलिस संभावित स्थानों पर दबिशें दे रही है। सीओ सिटी आंचल चौहान के मुताबिक पुलिस की टीमें उनके नेतृत्व में लगातार संभावित स्थानों पर दबिशें दे रही हैं। अभी तक फरार आरोपियों का कोई सुराग नहीं लग सका है। जल्द ही फरार चल रहा है आरोपियों की गिरफ्तारी कर हत्या के और भी राज खोले जाएंगे। 

पुलिस की सुस्ती से नाराज मोहिनी के पति
महिला अधिवक्ता के पति बृजतेन्द्र तोमर ने बताया कि मेरी पत्नी मोहनी की हत्या कर दी गई। एक महीने से अधिक का समय बीत गया है। पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। पुलिस की कार्यपाली पूरी तरह संदेह के घेरे में है। अब मजबूर होकर हम मुख्यमंत्री से मिलने जा रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री से मिलने गए थे, लेकिन उनसे समय नहीं मिल सका। कासगंज पुलिस की कार्य प्रणाली को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराएंगे।

जानिए क्या था पूरा मामला
बीती तीन सितंबर को न्यायालय के मुख्य द्वार से लापता हुई मोहिनी तोमर का शव चार सितंबर को मिला। तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे थे। पांच अधिवक्ता एक विधि छात्र को महिला के पति ने नामजद किया। उसके बाद पुलिस तब भी खुलासा नहीं कर पाई। बाद में पुलिस ने एक महिला रेनू और आरोपी बॉबी को गिरफ्तार कर जेल भेजा। अन्य आरोपी सुनील और रजत फरार बताये। तब भी सही खुलासा नहीं हुआ। पूरी तरह अभी भी मामला उलझा हुआ है। समय बीतता जा रहा है। पुलिस कोई संतोष जनक कार्रवाई नहीं कर पा रही है। ऐसे में महिला अधिवक्ता के पति बृजतेंद्र तोमर और परिजनों में आक्रोश है।