कासगंज: निरस्त की गई अधिवक्ता की जमानत अर्जी...न्यायालय परिसर में वादकारी को पीटने का अधिवक्ता पर है आरोप
कासगंज, अमृत विचार। न्यायालय परिसर में वादकारी को पीटने के आरोपी अधिवक्ता की जमानत अर्जी निरस्त कर दी गई है। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या द्वितीय में हुई सुनवाई के बाद न्यायधीश की ओर से यह निर्णय सुनाया गया है। बीती 30 जुलाई को सोरों के शिवशंकर अपने एक मामले में तारीख करने गए थे।
आरोप है कि तभी हैदर, सुलमान पुत्रगण कामिल मुस्तफा एवं अन्य साथी अधिवक्ताओं ने न्यायालय में उससे मारपीट की और गंभीर चोटें पहुंचाई। जांच के दौरान अधिवक्ता मुनाजिर रफी का नाम भी प्रकाश में आया। पुलिस ने न्यायालय में पक्ष रखा।
पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने अपना तर्क दिया और आरोपी पक्ष के अधिवक्ता ने भी तर्क रखे। मंगलवार को इस मामले में सुनवाई हुई। न्यायालय ने सुनवाई के बाद माना कि आरोपी पक्ष के अधिवक्ता की ओर से रखे गए तर्क बेबुनियाद हैं। इसी आधार पर न्यायालय ने अधिवक्ता मुनाजिर रफी की अर्जी सुनवाई के बाद निरस्त की है।
मोहिनी तोमर की हत्या का आरोपी है मुनाजिर
महिला अधिवक्ता मोहिनी तोमर की हत्या का आरोपी भी मुनाजिर रफी है। इसके अलावा वर्ष 2018 में कासगंज में चंदन हत्याकांड को लेकर हुई विवाद में भी मुनाजिर का नाम शामिल है। सभी तथ्यों को देखते हुए अब उसकी यह जमानत अर्जी निरस्त की गई है।