प. दीन दयाल की मूर्ति के लिये उपयुक्त नहीं शहीद स्थल: पुनिया
बाराबंकी, अमृत विचार। विजय उद्यान एक शहीद स्थल है, जो विशेष रूप से उन वीर जवानों की स्मृति में बनाया गया था, जिन्होंने देश के लिये अपने प्राणों की आहूति दी थी। ऐसे स्थान पर किसी राजनैतिक विचारधारा से जुड़े व्यक्ति की मूर्ति का अनवारण करना शहीदों के बलिदान की भावना को ठेस पहुंचाने वाला है। यदि किसी राजनैतिक व्यक्ति की मूर्ति का अनावरण करना ही था, तो इसके लिये उपयुक्त स्थान चुना जाना चाहिये था।
विजय उद्यान जैसे स्थल जो शहीदों के सम्मान के लिये समर्पित हैं, यह स्थान प. दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति के अनावरण के लिये किसी तरह उपयुक्त नहीं है। अच्छा होता यदि इस विजय उद्यान में सरकार और प्रशासन वीरांगना उदा देवी जिनके नाम से अंग्रेज कांपते थे। आज उनकी मूर्ति का अनावरण करते तो यह देश और समाज के लिये गौरव की बात होती।
यह बातें पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ. पीएल पुनिया ने मंगलवार स्थानीय कचहरी के पास स्थित विजय उद्यान शहीद स्मारक में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प. दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति के अनावरण पर कहीं। पूर्व सांसद डॉ पीएल पुनिया ने कहा कि भाजपा का आजादी और उसमें शहीद हुए लाखों जवानों से कोई लेना देना नहीं है।
एक शहीद स्मारक में राजनैतिक व्यक्ति की मूर्ति का अनावरण सरकार एवं प्रशासन का असंवेदनशील कदम है। अगर यही कार्य किसी अन्य जगह या पार्क में किया जाता और वहां पर प. दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति का अनावरण होता तो वह सरकार एवं प्रशासन का स्वागत योग्य कदम होता. पुनिया ने कहा कि आज बाराबंकी जनपद के नागरिक भी सरकार और प्रशासन के इस निर्णय से आहत होंगे।
क्योंकि इस शहीद स्मारक को राजनैतिक हस्ती के नाम से जोड़ना शहीदों के बलिदान का अपमान है। यह स्थान शहीदों की स्मृति के सम्मान का है। इसे किसी राजनैतिक विचारधारा के प्रतीक के रूप में स्थापित करना सही नहीं है। शहीदों का बलिदान हम सबके लिये प्रेरणा का स्रोत रहा है अैर ऐसे स्थानों की पहचान बदलने की कोशिश एक ऐसा गम्भीर अपराध है। जिसके लिये समाज कभी माफ नही करेगा।
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