Kanpur: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासा...गर्भवती एनीमिया की हो रही शिकार, इस तरह से करें बचाव

शहर में 57 फीसदी महिलाओं व 46 फीसदी से ज्यादा गर्भवतियों में हीमोग्लोबिन कम

Kanpur: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासा...गर्भवती एनीमिया की हो रही शिकार, इस तरह से करें बचाव

कानपुर, अमृत विचार। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 की रिपोर्ट के मुताबिक शहर में 15 से 49 वर्ष की 57 फीसदी महिलाएं व 46 फीसदी से ज्यादा गर्भवती एनीमिया की शिकार हैं। यह चिंताजनक स्थिति तब है, जबकि महिलाओं व किशोरियों में हीमोग्लोबिन का स्तर जांचकर दवाओं की सुविधा सभी सरकारी अस्पतालों व आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध है। 

कानपुर मंडल में महिलाओं में एनीमिया दर कन्नौज में सर्वाधिक दर्ज की गई है। यहां 65.2 फीसदी महिलाएं और 66.4 फीसदी गर्भवती रक्त में हीमोग्लोबिन की कमी के कारण एनीमिया से पीड़ित हैं। डॉक्टरों के अनुसार इसका मुख्य कारण कुपोषण के साथ ही महिलाओं द्वारा खानपान ध्यान नहीं देना, फॉस्ट फूड का अधिक सेवन करना और अनियमित जीवनशैली है। किशोरावस्था से ही खानपान पर ध्यान न देने से महिलाओं में खून की कमी बढ़ रही है।  

चिंता और तनाव से भी होती खून की कमी  

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कानपुर मंडल की अपर निदेशक डॉ. संजू अग्रवाल ने बताया कि छोटी-छोटी बातें सोचने और अधिक समय तक तनाव में रहने से किशोरियों व महिलाओं के शारीरिक व मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होती है, इससे भी शरीर में खून की कमी हो जाती है। फॉस्ट फूड सेवन से शरीर में पर्याप्त मात्रा में खून नहीं बनता है। सभी सरकारी अस्पतालों व उपकेंद्रों पर महिलाओं व किशोरियों के लिए आयरन, कैल्शियम व विटामिन की दवाएं निशुल्क उपलब्ध हैं। रक्त जांच की भी सुविधा है। 

एनीमिया पीड़ित महिलाएं (आंकड़े प्रतिशत में) 

जिला        15 से 49 वर्ष       गर्भवती 

कन्नौज        65.2                66.4   
इटावा            57.4                51.9 
फर्रुखाबाद       57.5            47.7 
कानपुर नगर     57.0             46.3          
कानपुर देहात     54.9            60.2   
औरैया             39.1             42.1 

इस तरह कर सकते बचाव 

केओजीएस की अध्यक्ष डॉ. कल्पना दीक्षित ने बताया कि मैदा युक्त भोजन के सेवन से किशोरी व महिलाओं में एनीमिया की समस्या बढ़ी है। बचाव के लिए गुड़ व चना का सेवन करना चाहिए। आयरन व कैल्शियम की दवा भोजन के 2 घंटे बाद लें। पौष्टिक आहार, मोटा अनाज, हरे-पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। 2 बच्चों के बीच कम से कम 3 साल का अंतर रखें।

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