भीमताल: गर्भवती को डोली से पांच किमी दूर सड़क तक पहुंचाया
भीमताल, अमृत विचार। ओखलकांडा ब्लॉक के कई ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी सड़क समेत अन्य मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। एक तरफ प्रदेश में एयर एंबुलेंस की बात होती है। दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों के लोग बीमार होने पर मरीज को डोली में ले जाने की परंपरा को अपनाने को मजबूर हैं।
ऐसा ही एक मामला ओखलकांडा के न्याय पंचायत सुनकोट सिरखोला गांव में सामने आया है। सड़क नहीं होने के कारण सिरखोला के ग्रामीणों ने गर्भवती महिला रेखा देवी (25 वर्ष) को आपदा ग्रस्त पैदल मार्ग से डोली के सहारे लगभग पांच किलोमीटर दूर कचलाकोट सड़क तक पहुंचाया। इसके बाद ग्रामीण गर्भवती को 50 किलोमीटर दूर चम्पावत के पाटी ब्लॉक के अस्पताल में ले गए। जहां रात करीब 3 बजे रेखा देवी ने पुत्र को जन्म दिया। महिला को डोली से लाने वालों में राम सिंह बोरा, महेश सिंह बोरा, सुंदर सिंह बोरा, भुवन सिंह बोरा शामिल रहे।
डोली में लाना परंपरा नहीं...मजबूरी
पर्वतीय क्षेत्रों में बीमार मरीज को डोली में ले जाना कोई परंपरा नहीं है, बल्कि यह ग्रामीणों की मजबूरी है। आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी कई गांवों में न तो सड़क है और न ही स्वास्थ्य सेवाओं की कोई सुविधा है। ग्रामीणों को इलाज के लिए मैदानी क्षेत्रों में जाना पड़ता है। स्वास्थ्य सेवाओं का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आज भी पर्वतीय क्षेत्रों में कई अस्पताल स्वास्थ्य कर्मियों के भरोसे चल रहे हैं। सुविधाओं के अभाव में ग्रामीण गांव को छोड़ने को मजबूर हैं।