Education City के रूप में विकसित होगा मोहान रोड योजना, प्राथमिक से उच्च स्तर तक की शिक्षा के लिए बनेंगे शिक्षण संस्थान

Education City के रूप में विकसित होगा मोहान रोड योजना, प्राथमिक से उच्च स्तर तक की शिक्षा के लिए बनेंगे शिक्षण संस्थान

लखनऊ, अमृत विचार: लखनऊ विकास प्राधिकरण की मोहान रोड योजना प्रदेश का सबसे बड़ा एजुकेशन हब बनेगी। इसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत विशेष शैक्षिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। दुबई और कतर की तरह एक ही जगह पर प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा प्रदान की जाएगी। एलडीए के पारिजात सभागार में शनिवार को हुई बैठक में इसका खाका खींचा गया।

मुख्यमंत्री के वित्तीय सलाहकार केवी राजू, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल और एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार अधिकारी की मौजूदगी में बैठक हुई। बैठक के बाद एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि योजना में शिक्षण संस्थानों के लिए अलग-अलग भूखण्ड की व्यवस्था होगी। इसके लिए ले-आउट में परिवर्तन कर 60 मीटर व 45 मीटर चौड़ी रोड पर 103 एकड़ क्षेत्रफल का भूखण्ड नियोजित किया जाएगा। एजुकेशन फैकेल्टी के निवास के लिए ग्रुप हाउसिंग के भूखण्ड विकसित किए जाएंगे।

बैठक में प्राधिकरण के सचिव विवेक श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह, प्रभारी मुख्य अभियंता अवनीन्द्र कुमार सिंह, अधीक्षण अभियंता नवनीत शर्मा, अधिशासी अभियंता संजीव कुमार गुप्ता, सहायक अभियंता राहुल वर्मा उपस्थित रहे।

ग्रिड पैटर्न पर होगा योजना का विकास
उपाध्यक्ष प्रथमेश ने प्रेजेंटेशन देकर बताया कि चंडीगढ़ व पंचकुला की तरह मोहान रोड योजना का विकास ग्रिड पैटर्न पर किया जाएगा। इसमें 8 सेक्टर बनाए जाएंगे। प्रत्येक सेक्टर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, सेक्टोरल शाॅपिंग सेंटर, बारात घर और वेन्डिंग जोन का प्रावधान किया जाएगा। सभी बड़े चौराहों पर रोटरी विकसित की जाएगी, जिसमें बायीं ओर मुड़ने वाले ट्रैफिक को फ्री-पास दिया जाएगा। 112.50 वर्गमीटर से 450 वर्गमीटर क्षेत्रफल के 2532 आवासीय के साथ ग्रुप हाउसिंग के बड़े भूखण्ड नियोजित किए जाएंगे।

निवेशकों को भूखंड खरीदने के लिए मिलेंगे विकल्प
एलडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि विश्वविद्यालयों और शिक्षा क्षेत्र के निवेशकों को बड़ा भूखण्ड खरीदने व इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में आर्थिक बाधा से बचाने के लिए ईओआई में कई विकल्प दिए जाएंगे। खरीददारों को 25 प्रतिशत भुगतान पर कब्जा व लीज रेंटल प्लान आदि सुविधाएं दी जाएंगी। कोई मास्टर डेवेलपर चाहे तो अकेले ही भूखण्ड खरीदकर विकास कार्य करा सकेगा। कंसोर्टियम समझौते व ज्वाइंट वेंचर की पद्धति का भी विकल्प खुला रहेगा।

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