प्रतापगढ़: मांगो को लेकर शिक्षकों का प्रदर्शन,कहा शिक्षा व शिक्षक विरोधी है सरकार
प्रतापगढ़, अमृत विचार। पीबीपीजी कालेज सिटी में एआइफुक्टो के आह्वान पर शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी सरकार के नीतियों के खिलाफ शिक्षकों ने गर्मजोशी से विरोध प्रदर्शन किया। शिक्षकों ने कहा कि मांगो के समर्थन में सरकार ने सार्थक निर्णय न लिया तो शिक्षक आंदोलन को बाध्य होंगे।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय इकाई के अध्यक्ष प्रो.ब्रम्हानन्द प्रताप सिंह ने शिक्षकों की सेवानिवृत्त की आयु 65 वर्ष किये जाने की बात कही। प्रो.रामराज ने कहा कि स्नातक शिक्षकों को भी शोध गाइड बनने का समान अवसर दिया जाए। अनुदानित महाविद्यालय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डॉ.शिव प्रताप सिंह ने कहा कि अभी तक सरकार ने पांच पीएचडी इंक्रीमेंट शिक्षकों को नहीं दिया। इससे शिक्षक शोध के प्रति हतोत्साहित हो रहे हैं। प्रासुऑक्टा उपाध्यक्ष डॉ. प्रणव ओझा ने कहा कि स्थानांतरण में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एनओसी की बाध्यता समाप्त की जाय। साथ ही बिना संसोधन पुरानी पेंशन की बहाली होनी चाहिये। डॉ. देवेश सिंह ने कहा कि शिक्षा का बजट 10 फीसदी तक बढ़ाया जाए। नीट, सीयूटी जैसे केंद्रीय परीक्षाएं खत्म की जाएं,जिससे ग्रामीण क्षेत्र की शिक्षण संस्थाएं सुरक्षित रहें। प्रासुऑक्टा के वरिष्ठ संयुक्त मंत्री डॉ.अखिलेश मोदनवाल ने शिक्षकों को कैशलेश स्टेट हेल्थ कार्ड दिया जाए। शैक्षणिक अवकाश की तुलना प्रशासनिक छुट्टी से बंद होनी चाहिए। जिससे विद्यार्थियों को सर्वांगीण विकास का पर्याप्त समय मिल सके। डॉ. श्रद्धा श्रीवास्तव ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में अस्थायी शिक्षकों की सेवा शर्तों में परिवर्तन किया जाए। संचालन डॉ. राजीव कुमार सिंह ने किया। इस दौरान रश्मि सिंह,डॉ.वंदना सिंह,डॉ. चेत प्रकाश पांडेय,डॉ. कृष्ण कुमार सिंह,डॉ. राकेश सिंह,नीरज पांडेय,डॉ. नीरज त्रिपाठी,डॉ. जितेंद्र कुमार सैनी, डॉ. शिव कुमार सिंह आदि रहे।
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