मधुमिता हत्याकांड के शूटर प्रकाश पांडेय की मौत : निजी अस्पताल में चल रहा था लीवर कैंसर का इलाज
लखनऊ जेल में काट रहा था उम्रकैद की सजा
लखनऊ, अमृत विचार : चर्चित कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड के दोषी शूटर प्रकाश पांडेय की गुरुवार देर रात इलाज के दौरान निजी अस्पताल में मौत हो गई। वह लखनऊ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। इस दौरान लीवर कैंसर होने पर निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजन ने शुक्रवार सुबह शव का गोरखपुर के राजघाट श्मशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया।
गोरखपुर के शाहपुर इलाके में रहने वाला प्रकाश पांडेय पूर्व मंत्री व बाहुबली विधायक अमर मणि त्रिपाठी का खास था। अमर मणि के इशारे पर उसने कवियत्री मधुमिता की लखनऊ के महानगर इलाके के पेपर मिल कालोनी स्थित आवास पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। वारदात 9 मई 2003 को हुई थी। इस हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमर मणि, उनकी पत्नी मधु मणि, शूटर प्रकाश पांडेय और संतोष राय को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। प्रकाश को 2003 में गिरफ्तार किया गया था।
5 साल जेल में रहने के बाद सेशन कोर्ट ने उसे मधुमिता हत्याकांड से बरी कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। 21 साल की जेल की सजा काटते हुए, पांडे का स्वास्थ्य लगातार गिरता गया। लिवर कैंसर के चलते उसको कुछ महीने पहले ही लखनऊ के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार को उसका अंतिम संस्कार किया गया।
मधुमिता हत्याकांड
9 मई 2003 को बसपा सरकार के मंत्री व महाराजगंज के लक्ष्मीपुर विधानसभा क्षेत्र से बाहुबली विधायक अमरमणि त्रिपाठी ने सुपारी देकर हत्या की दी थी। शूटरों प्रकाश पांडेय, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय ने पेपर मिल कालोनी स्थित मधुमिता शुक्ला की उनकी गोली मारकर हत्या कर दी। हत्याकांड के बाद प्रदेश की सियासत में भूचाल आ गया। इस हत्याकांड ने बाहुबली विधायक अमरमणि को अर्श से फर्श तक पहुंचा दिया।
मधुमिता केस उत्तराखंड हुआ ट्रांसफर
सीबीआई जांच के दौरान कई गवाहों को धमकाया जाने लगा था। ऐसे में मधुमिता की बड़ी बहन निधि शुक्ला ने सुप्रीम कोर्ट में इस केस को दिल्ली या तमिलनाडु ट्रांसफर करने की अपील की थी, लेकिन कोर्ट ने मुकदमा देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थानांतरित कर दिया था। देहरादून की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2007 को अमरमणि, उनकी पत्नी मधुमणि, भतीजा रोहित चतुर्वेदी और शूटर संतोष राय को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई, जबकि एक अन्य शूटर प्रकाश पांडेय को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। हालांकि, बाद में नैनीताल हाईकोर्ट ने प्रकाश पांडेय को भी दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
9 मई 2023 को रिहा हो गए थे पूर्व मंत्री
इस मामले में सजा काट रहे उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधु मणि त्रिपाठी को स्वास्थ्य और जेल में उनके बेहतर आचरण को देखते हुए 9 मई 2023 को सजा माफ करते हुए रिहा कर दिया गया। जबकि प्रकाश पांडेय, रोहित चतुर्वेदी, संतोष राय लखनऊ जेल में निरूद्ध थे।
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