भारी बारिश का अलर्ट, कहीं आपात स्थिति की माकड्रिल तो नहीं?

11 सितंबर कल, पूरा होगा तबाही का एक साल, रात भर सहमे रहे शहरवासी, अलर्ट से बाहर रहा जिला 

भारी बारिश का अलर्ट, कहीं आपात स्थिति की माकड्रिल तो नहीं?

बाराबंकी, अमृत विचार । कहीं यह वास्तव में माकड्रिल तो नहीं थी, भारी बारिश का अलर्ट, 25 टीमें तैयार, समीक्षा बैठक में युद्धस्तर के निर्देश और राहत कार्य के लिए तैयारी वीडियो देख शहरवासी सहम उठे। उधर शहर में मुनादी और जमुरिया नाला के किनारे खाली करने की अपील ने आग में घी का काम किया। दहशत का माहौल इस कदर बना कि लोग अनहोनी की आशंका से घिर गए। जमुरिया किनारे बसे तमाम लोगों ने जगह छोड़ने की तैयारी कर ली, यह अलग बात है कि एक दिन पूर्व राहत दे गई बारिश का सिलसिला थमा और मंगलवार काे चटख धूप ने सबको फिर परेशान किया। यह भी गौरतलब है कि भारी बारिश वाले जिलों में बाराबंकी का नाम आज शामिल नहीं था। 

2023 में न भरने वाले जख्म छोड़ गई बारिश का डर फिर ताजा हो गया जब सोमवार को जिला प्रशासन ने अचानक तेजी पकड़ी। कुल 25 टीमों को अलर्ट मोड पर डाल दिया गया, शहर में आने वाले 24 घंटों में भारी बारिश को लेकर मुनादी करा दी गई, जो शहरवासियों के बीच चर्चा का विषय बन गई, जमुरिया नाला के किनारे बसने वालों को घर छोड़ने के लिए कहा गया। डीएम की समीक्षा बैठक में भी तैयारी से यही माहौल बना कि देर रात या फिर दिन में भारी बारिश हो सकती है। उस पर राहत कार्याें के लिए रखी गई सामग्री जैसे कि किट वाले स्थान का निरीक्षण कर रहे डीएम का वायरल वीडियो आमजन को सवाल करते छोड़ गया। सभी एक दूसरे से पूंछते व जानकारी लेते नजर आए। खासकर आधा शहर जिसने बाढ़ का दंश झेल रखा था, उनके रोएं सिहर गए, यही बात होती रही कि 2023 से तो जैसे तैसे निपट लिया, 2024 की बाढ़ तो नेस्तनाबूद ही कर देगी।

शहरवासी सोंच विचार में तल्लीन ही थे कि मंगलवार की सुबह एक अफवाह और फैल गई कि सोमवार की रात मेें जमुरिया में पानी अचानक बढ़ गया था और सुबह होते सब पहले जैसा हो गया। बहरहाल शंका आशंका में डूब शहरवासियों को मंगलवार की सुबह व दोपहर तक चटख धूप देख काफी राहत हासिल हुई, उनका एक तर्क यह भी था कि भारी बारिश का मौसम रात से ही बनने लगता है। जैसा कि डीएम सत्येन्द्र कुमार ने कहा भी था कि भारी बारिश हो या न हो पर आपात स्थिति की माकड्रिल भी हो जाएगी। 

आने वाला है 11 सितंबर, सहमे हैं शहरवासी  

भारी बारिश का डर इसलिए भी लोगों खासकर जमुरिया नाला के किनारे बसे मोहल्लों की आबादी को सशंकित कर गया क्योंकि 2023 में 11 सितंबर की रात और उसके बाद के हालात उनसे भुलाए नहीं भूलते। रात 12 बजे के बाद जोरदार बारिश का सिलसिला जो शुरू हुआ तो वह दूसरे दिन दोपहर बाद थमा। बारिश के पानी में डूबे आधे शहर का बदतर जलनिकासी व्यवस्था ने बेड़ा गर्क कर दिया था। उस पर नाले में पीछे से आए पानी के बहाव ने आधे शहर को टापू बनाकर रख दिया।

बिजली, पानी का संकट वह झेल ही रहे थे उस पर खाने पीने का संकट खड़ा हो गया। बारिश थमी तो धूप से उबले गंदे पानी ने संक्रामक रोगों को न्योता दे दिया। इस बारिश को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट नहीं था, इसलिए हालात नियंत्रण से बाहर हो गए, लोगों की करोड़ाें की गृहस्थी कौड़ी के भाव हो गई। इस भारी नुकसान से उबरने मे ही लोगों को महीनों लग गए। एक बार फिर वही सितंबर महीना सामने है और अगली तारीख 11 ही है। मौसम के मिजाज को लेकर कुछ कहा नहीं जा सकता पर लोगों के दिलों की धौंकनी बढ़ी हुई है। 

भारी बारिश के अलर्ट में नहीं है बाराबंकी

मंगलवार को भारी बारिश को लेकर जिन जिलों के लिए अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है, उसमें बाराबंकी का नाम शामिल नही है। बल्कि तेज गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना में जरूर है, हालांकि मंगलवार को एक बार फिर धूप चटख रही, बस पूरे दिन चली हवा ने जरूर थोड़ा राहत का एहसास कराया। मौसम लगभग साफ रहने से शहरवासी थोड़ा बेफिक्र हुए और अपने काम धाम में जुटे रहे।

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