मुरादाबाद : पूरे प्रदेश में नहीं डीपीटी का टीका, लोगों को सता रहा डिप्थीरिया का डर...बढ़ी मांग 

डिप्थीरिया की रोकथाम के लिए लगाया जाता है डीपीटी का टीका

मुरादाबाद : पूरे प्रदेश में नहीं डीपीटी का टीका, लोगों को सता रहा डिप्थीरिया का डर...बढ़ी मांग 

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिले में इन दिनों डीपीटी के टीके की मांग बढ़ गई है। दरअसल, 12 दिन पहले सादिकपुर गांव में डिप्थीरिया रोग से 8 वर्षीय बालिका की मौत हो गई थी। इसी के बाद से लोगों में डिप्थीरिया रोग को लेकर डर बन गया है और बच्चों को इस रोग से बचाने की चिंता भी बढ़ी है। इसलिए डिप्थीरिया रोग को निष्क्रिय करने वाले टीके की भी मांग बढ़ी है।

डिप्थीरिया की रोकथाम के लिए डीपीटी का टीका लगता है और इस टीके की उपलब्धता स्वास्थ्य विभाग के पास न होने की बात कही जा रही है। दरअसल, सोमवार को एएनएम लक्ष्मी रानी बच्चों को टीकाकरण करने सादिकपुर गई थीं, जहां ग्रामीणों ने पांच वर्ष की आयु वाले बच्चों को डीपीटी का टीका लगाने की मांग की। एएनएम ने इस टीके के न होने की बात कही तो प्रधान नरेश के भाई मुकेश ने फोन कर जानकारी दी और सवाल किया कि क्या स्वास्थ्य विभाग के पास यह टीका ही नहीं है। फिलहाल, इस मामले में संपर्क करने पर सीएचसी चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हरीश चंद्रा ने भी यही दोहराया कि यह टीका बिलारी सीएचसी छोड़िए, ऊपर (प्रदेश) से ही नहीं आ रहा है। 

उन्होंने कहा कि वैसे तो ये टीका तीन प्रकार की बीमारी को रोकने के लिए बच्चों को लगता है। इसमें डिप्थीरिया (गला घोंटू), पर्टुसिस (काली खांसी) और टेटनस (लॉकजॉ) जैसी बीमारी शामिल हैं। अधीक्षक ने कहा कि हमारा लक्ष्य 16 साल तक के बच्चों को टीकाकरण करने का है। डीपीटी के टीके को लेकर जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. संजीव बेलवाल ने डीपीटी का टीका न होने की बात से इनकार किया। कहा कि उनके कोल्डचेन में यह टीका उपलब्ध है, बशर्ते उपलब्धता की कमी हो सकती है। पर ये कहना उचित नहीं है कि टीके की उपलब्धता शून्य है।

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