मुरादाबाद : मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जांच में सतर्कता के आदेश

बढ़ा खतरा- विदेश से यात्रा कर लौटने वाले लोगों की बीमारी पर डॉक्टरों की खास नजर, अफ्रीका के वनों में पाया जाने वाला वायरस जूनोटिक रोग है मंकीपॉक्स

मुरादाबाद : मंकीपॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट, जांच में सतर्कता के आदेश

मुरादाबाद, अमृत विचार। मंकीपॉक्स को लेकर शासन से निर्देश मिलने के बाद सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने सरकारी और निजी अस्पतालों के डॉक्टर को अलर्ट कर दिया है। बताया कि पूर्ववर्ती आउटब्रेक्स के दौरान भारत में मंकीपॉक्स के संक्रमण के कुछ रोगी मिले हैं। मंकीपॉक्स का संक्रमण का अंतिम रोगी मार्च 2024 में केरल में मिला था। स्पष्ट है कि देश में इस रोग के संक्रमण होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि वैश्विक रूप से इस रोग के रोगी स्थानीय संक्रमण के साथ-साथ अफ्रीकी देशों की यात्रा के कारण भी पाए गए हैं। सीएमओ ने बताया कि जिले में बुखार ऐसे रोगी जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय यात्रा भी की हो, उनके संबंध में सूचना प्राप्त होने पर संबंधित व्यक्ति को आइसोलेशन प्रक्रिया के बारे में जानकारी देनी होगा और सैंपल केजीएमयू की राज्य संदर्भ प्रयोगशाला को भेजे जाएंगे। ऐसे व्यक्ति के विषय में सभी जानकारी राज्य सर्विलांस इकाई को भेजनी होगी। मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर संबंधित रोगी को तत्काल उच्च उपचार मिल सके, इसके लिए शासन स्तर से राज्य स्तरीय हेल्पलाइन नंबर (18001805145) भी जारी कर दिया गया है। 

सीएमओ ने बताया कि मंकीपॉक्स मुख्यत: मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में पाया जाने वाला एक वायरस जूनोटिक रोग है। इसे अभी 14 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अंतर्राष्ट्रीय चिंता) घोषित किया है।

मंकीपॉक्स संक्रमण के शुरुआती लक्षण
सीएमओ ने डॉक्टरों को जानकारी देते हुए कहा कि शरीर पर दाने, बुखार और लसिका ग्रंथियों में सूजन मंकीपॉक्स के मुख्य प्रारंभिक लक्षण हैं। इसके बाद रोगी में अन्य चिकित्सीय जटिलताएं विकसित हो सकती हैं। मनुष्यों में मंकीपॉक्स रोग पशुओं अथवा अन्य संक्रमित मनुष्यों से संचरित हो सकता है। इस रोग का वायरस ब्रोकन स्किन (प्रदर्शित न होने पर भी), श्वसन पथ अथवा आंख-नाक या मुंह के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर सकता है। मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति द्वारा छुए गए कपड़ों, बिस्तर, तोलिया व अन्य वस्तुओं जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स सामान और सतहों पर मंकीपॉक्स वायरस कुछ समय तक बने रह सकता है। यही नहीं, वायरस गर्भावस्था के दौरान भ्रूण में और जन्म के दौरान अथवा एक-दूसरे की त्वचा संपर्क के माध्यम से या फिर मंकीपॉक्स से संक्रमित माता-पिता द्वारा शिशु में भी फैल सकता है। वैसे मंकीपॉक्स का वायरस चेचक की तुलना में कम संक्रामक है।

राज्य स्तर पर सर्विलांस इकाई गठित
सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह ने बताया कि मंकीपॉक्स के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए राज्य सर्वनाम इकाई भी गठित हो गई है। जिले के डॉक्टर किस इकाई में नियुक्त वरिष्ठ जन से संपर्क स्थापित कर समन्वय कर सकेंगे। राज्य सर्विलांस इकाई में तैनात अधिकारियों के मोबाइल नंबर जिले के डॉक्टर को उपलब्ध करा दिए गए हैं।

इन देशों से यात्रा करके लौटने वालों पर नजर
दक्षिण अफ्रीका, केन्या, रवांडा, युगांडा, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, बुरुंडी, मध्य अफ्रीकी, कांगो-ब्रेजाविल, कैमरून, नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, लाइबेरिया, स्वीडन, पाकिस्तान, फिलीपीन्स व थाईलैंड।

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