Kanpur News: जमीअत ने बुलडोजर कार्रवाई का ब्यौरा जुटाना किया शुरू...सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से रखा जाएगा पक्ष
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर 17 सितंबर की सुनवाई में मजबूती से रखा जाएगा पक्ष
कानपुर, (जमीर सिद्दीकी)। सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई को लेकर जमीअत उलमा हिंद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आरोपियों के आशियाने गिराने की कार्रवाई को कठघरे में खड़ा किया है। अवैध निर्माण का संरक्षण नहीं करते हुए कोर्ट ने इस बारे में मार्गदर्शक सिद्धांत की जरूरत बताते हुए अगली सुनवाई 17 सितंबर तय की है। इसे देखते हुए जमीअत ने जहां कहीं भी बुलडोजर कार्रवाई हुई है, उसका पूरा ब्यौरा एकत्र करना शुरू कर दिया है, ताकि सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सभी तथ्य रखे जा सकें।
जमीअत उलमा हिंद ने याचिका में तीन राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए बुलडोजर एक्शन लेने का आरोप लगाते हुए इसे रोकने की गुहार लगाई है। अब इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मजबूती से अपना पक्ष रखने के लिए बुलडोजर कहां, कब और क्यों चला? कार्रवाई कितनी वैध थी, जैसे बिंदुओं पर डाटा एकत्र करना तय हुआ है।
जमीअत की टीम गिराये गये घरों के आसपास रहने वाले लोगों से बात करेगी और जिनका घर गिराया गया है, उनके परिजनों के बयान लेगी। संगठन का कहना है कि इसमें हिंदू-मुस्लिम का भेद नहीं है, जहां कहीं बुलडोजर कार्रवाई हुई है, सभी का ब्यौरा जुटाया जाएगा।
इन बिंदुओं पर जुटाए जा रहे तथ्य
1- जिसके यहां बुलडोजर चला, उसका पुराना अपराधिक इतिहास
2- जिसका घर गिराया गया है, उसके पड़ोसियों का क्या कहना है?
3- एफआईआर दर्ज होने या अपराध के कितने दिनों बाद बुलडोजर चला।
4- बुलडोजर किस विभाग का था, किस विभाग ने कार्रवाई की।
5- जिस मकान पर बुलडोजर चला है, वह किसके नाम था, अपराधी से संबंध क्या है।
6- बुलडोजर कार्रवाई के पहले विभाग ने कितनी बार नोटिस दी।
7- अपराध करने के 24 घंटे के अंदर किस अपराधी का घर गिराया गया।
8- यदि अतिक्रमण करके आशियाना बनाया गया था, तो मकान कब से बना था।
9- यदि कोई मकान वर्षों से अवैध बना है तो अधिकारियों को अभी तक क्यों नहीं दिखा।
10- किसी आशियाना को गिराने का वैधानिक आधार क्या था।
संगठन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रखा है, जब तक बुलडोजर एक्शन का पूरा ब्यौरा नहीं होगा, अपनी बात सुप्रीम कोर्ट के सामने मजबूती से कैसे रखी जा सकती है।- मौलाना हाफिज अब्दुल कुद्दूस हादी, शहरकाजी, कार्यवाहक प्रदेश महामंत्री, जमीअत उलमा-ए-हिंद
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