बाराबंकी: विभिन्न राज्यों में राशन लेकर भूख मिटा रहे जिले के कार्डधारक

जनवरी से अगस्त तक 87 राशनकार्डों पर उठाया 1425 किलो राशन

बाराबंकी: विभिन्न राज्यों में राशन लेकर भूख मिटा रहे जिले के कार्डधारक

बाराबंकी, अमृत विचार। दूसरे राज्यों में रहकर मजदूरी कर रहे जिले के कार्डधारकों को केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना फलीभूत हो रही है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस साल के आठ महीनों के अंदर 87 राशन कार्डधारकों ने अपने हक का अनाज लिया है और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं। गैर प्रांतों में राशन लेने वालों में पात्र गृहस्थी के 54 और अंत्योदय श्रेणी के 33 राशन कार्डधारक शामिल हैं।

सार्वजिक वितरण प्रणाली की देश भर की किसी एक दुकान पर कोई भी कार्डधारक अपने हक का राशन ले सकता है। सरकार ने इसकी व्यवस्था बनाते हुए राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना शुरु की थी। ताकि जिले के कार्डधारकों को गैर प्रांतों में रहकर रोजी रोटी कमाने के दौरान आसानी से वहीं अनाज दिया जा सका। योजना शुरु होने के बाद कार्डधारकों को इससे लाभ मिल रहा है। 

खाद एवं रसद विभाग के पोर्टल पर दर्ज आंकड़े बता रहे हैं कि इस साल के जनवरी माह से अगस्त माह तक बिहार, छत्तीसगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तराखंड में रहकर मेहनत मजदूरी करने वाले ऐसे 87 कार्डधारकों ने 1425 किलो अनाज अब तक लिया है। इसमें शामिल अंत्योदय श्रेणी के 33 कार्डधारकों ने जहां 1155 किलो गेहूं और चावल लिया है। वहीं पात्र गृहस्थी के 54 कार्डधारकों ने प्रति यूनिट के हिसाब से 270 किलो अनाज हासिल किया है। और इससे उन्हें अपने परिवार का भरण पोषण करने में आसानी मिल रही है। यह आंकड़े इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना काफी हद तक फलीभूत हो रही है।

राज्यवार राशन लेने वाले जिले के कार्डधारक
नाम-- संख्या
बिहार-- 36
छत्तीसगढ़--3
दिल्ली-- 24
मध्य प्रदेश-- 13
उत्तराखंड--3
हरियाणा--5
गुजरात---1
महाराष्ट---1
राजस्थान--1
नोट--सभी आंकड़े खाद एवं रसद विभाग को पोर्टल से लिए गए हैं।

दूसरे राज्यों के कोटे से मिला 855 किलोे चावल और 570 किलो गेहूं
पात्र गृहस्थी के कार्डधारकों को यूनिट के हिसाब से गेहूं और चावल दिया जाता है। इस श्रेणी के लोगों को प्रति यूनिट पांच किलो राशन मिलता है। जबकि गरीबी रेखा के नीचे वाले अंत्योदय श्रेणी के कार्डधारकों को कुल 35 किलो राशन दिया जाता है। इनमें 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल शामिल होता है। जबकि पात्र गृहस्थी श्रेणी में दो किलो गेहूं और तीन किलो चावल शामिल है। इस तरह देखा जाए तो इन आठ माह के अंदर 855 किलोे चावल और 570 किलो गेहूं जिले के कार्डधारकों को दूसरे राज्यों के कोटे की दुकानों से दिया गया है।

राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी योजना के तहत कोई भी व्यक्ति कोटे की किसी भी एक दुकाने से अपने कार्ड का निर्धारित अनाज ले सकता है। यह सुविधा पूरे देश में है। इसका लाभ भी लोग ले रहे हैं। सभी आंकड़े पोर्टल पर अपलोड किए जाते हैं-डॉ.राकेश तिवारी, डीएसओ।

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