Kanpur: कागजों में कैद जूही खलवा एलिवेटेड रोड; 10 साल से धूल खा रहा प्रोजेक्ट, लाखों लोग भुगत रहे खामियाजा

Kanpur: कागजों में कैद जूही खलवा एलिवेटेड रोड; 10 साल से धूल खा रहा प्रोजेक्ट, लाखों लोग भुगत रहे खामियाजा

कानपुर, अमृत विचार। शहर के दक्षिण और उत्तर क्षेत्र के बीच सुगम आवाजाही के लिए गोविंद नगर और दादानगर में समानांतर पुल बनाकर लोगों को राहत देने का प्रयास किया गया, लेकिन अंग्रेजों के जमाने के जूही खलवा पुल मार्ग का कोई इलाज नहीं हुआ। एक दशक पहले यहां एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनी, लेकिन अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की बेपरवाही से परवान नहीं चढ़ सकी। नतीजन, जरा सी बरसात में पानी भरने पर यह रास्ता बंद हो जाता है और अन्य मार्गों पर घंटों जाम लगा रहता है। अब एक बार फिर जूही खलवा पुल मार्ग का समाधान निकालने की पहल हुई है।        
 
बरसात में जूही खलवा पुल पर होने वाला जलभराव नासूर जैसी समस्या बन चुका है।  साल में कई बार इस आफत से लोगों को दो-चार होना पड़ता है। पुल के नीचे यातायात बंद करना पड़ता है। अब तक कई लोग जलभराव में डूबकर जान गंवा चुके हैं। मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समग्र विकास समिति ने 10 वर्ष पहले जूही खलवा पुल की समस्या का समाधान करने के लिए 3 लेन एलिवेटेड रोड बनाने की योजना बनाई थी। 

रेलवे ने इस काम में तकनीकी मदद देने पर सहमति जताई थी। लेकिन जनप्रतिनिधियों द्वारा   प्रोजेक्ट पर रुचि नहीं दिखाए जाने से मामला ठंडे बस्ते में चल गया। अगर यह एलिवेटड रोड बन जाती तो समस्या के समाधान के साथ आए दिन शहर के उत्तर और दक्षिण क्षेत्र के बीच लगने वाले यातायात जाम में भी कमी आती। 

जूही परमपुरवा से चाचा नेहरू अस्पताल तक प्रस्तावित निर्माण

प्रोजेक्ट में जूही परमपुरवा से कोपरगंज स्थित चाचा नेहरू अस्पताल तक 2.86 किमी लंबी एलिवेटेड रोड प्रस्तावित की गई थी। सेतु निर्माण निगम ने इसकी डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की थी। उस समय अनुमानित लागत 155.56 करोड़ रुपये थी। डीपीआर बनने पर 206 करोड़ रुपये लागत का आकलन किया गया। मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट भी पाजीटिव मिली। लेकिन योजना धरातल पर नहीं उतर सकी। 

समय व ईंधन की बर्बादी के साथ बढ़ती जाम की समस्या 

बारादेवी, किदवई नगर, नौबस्ता, गोविंदनगर इलाकों के लोग जिन्हें पीरोड, जरीब चौकी या घंटाघर की ओर आना-जाना होता है, वे जूही खलवा के रास्ते से ही आते-जाते हैं। लेकिन बरसात में जूही पुल के नीचे पानी भरने से मार्ग बंद हो जाता है। इससे लोगों को काफी घूमकर आने-जाने में समय और ईंधन दोनों बर्बाद होता है। जीटी रोड और कालपी रोड पर जाम में भी फंसना पड़ता है।

दक्षिण के इन मोहल्लों को सर्वाधिक लाभ
 
जूही, ट्रांसपोर्ट नगर, जूही नहरिया, परमपुरवा, बसंती नगर, बंबुरहिया, बारादेवी, किदवईनगर, नौबस्ता, गल्ला मंडी, विनोबा नगर, बिनगवां, अर्रा, जूही पीली कालोनी, लाल कालोनी, सफेद कालोनी, रत्तूपूरवा, ढकनापुरवा, गोविंद नगर, राखी मंडी, बर्रा, कर्रही, यशोदा नगर।

जूही खलवा पुल पर होने वाले जलभराव से निपटने के लिये शासन को पत्र भेजकर लोगों की समस्या देखते हुए एलिवेटेड रोड बनाने की मांग की है। विश्वास है कि प्रदेश सरकार शहर की जनता की यह बड़ी समस्या जड़ से दूर करेगी। - महेश त्रिवेदी, विधायक, भाजपा।

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